Monday - 28 October 2024 - 8:30 AM

राहुल ने प्रियंका को मोदी के खिलाफ क्यों नहीं उतारा

गिरीश चंद्र तिवारी

आखिरकार कांग्रेस ने सारा संस्पेंस खत्म करते हुए बनारस लोकसभा सीट के उम्मीदवार की घोषणा कर दी। बनारस में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व अजय राय करेंगे। अभी तक चर्चा थी कि शायद मोदी के खिलाफ मैदान में प्रियंका गांधी को राहुल उतारे क्योंकि खुद प्रियंका गांधी कई बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी थी। उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच से कहा कि वह बनारस से चुनाव लड़ सकती हैं, अलबत्ता राहुल और पार्टी चाहे तो।

अब सवाल उठने लगा है कि प्रियंका के चाहने के बावजूद आखिर राहुल गांधी ने बनारस से प्रियंका को क्यों नहीं उतारा। क्या हार की डर की वजह से राहुल ने जोखिम नहीं लिया या किसी और कारणवश।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिल रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी हौसले बुलंद है।

कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते हुए ही कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता चाहते थे कि प्रियंका चुनाव लड़े। कार्यकर्ताओं के मांग पर प्रियंका कई बार चुनाव लड़ने का संकेत दी थीं। उन्होंने खुद बनारस से चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी। हालांकि उसमें राहुल की भी इच्छा जोड़ दिया था।

अमेठी में उपचुनाव लड़ेंगी प्रियंका

प्रियंका गांधी को बनारस संसदीय क्षेत्र से न उतारने के पीछे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि दरअसल यह प्रियंका का चुनावी पैतरा था। प्रियंका बार-बार बनारस का नाम लेकर बीजेपी की बेचैनी बढ़ा रही थी। सभी जानते हैं कि प्रियंका का कद कितना बड़ा है। मोदी को मात देना प्रियंका के लिए कठिन नहीं है।

वह कहते हैं प्रियंका अपने घर अमेठी से चुनाव लड़ेंगी। राहुल गांधी अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल वायनाड अपने पास रखेंगे और अमेठी प्रियंका के लिए छोड़ेंगे। वह कहते हैं कि पार्टी ने पहले ही प्रियंका के लिए अमेठी से चुनाव लड़ाने का फैसला किया था लेकिन विपक्षी दलों के आरोप का जवाब देने के लिए राहुल अमेठी से लड़ रहे हैं। विपक्षी दल बार-बार आरोप लगा रही थी कि हार की डर की वजह से राहुल वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं। यदि राहुल अमेठी छोड़ देते तो विपक्ष और हावी होने की कोशिश करता।

कांग्रेस ने अजय राय को पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से उम्‍मीदवार बनाया है। इसके अलावा गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी को मैदान में उतारा है।

राहुल ने पहले ही इशारों में कह दिया था नहीं लड़ेंगी प्रियंका

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 24 अप्रैल को कन्फर्म कर दिया था कि प्रियंका चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने सीधे तौर पर तो नहीं कहा था लेकिन इशारों में जता दिया था। उन्होंने कहा था कि नेहरू और इंदिरा गांधी की मंशा के अनुरूप हम चाहते हैं कि विपक्ष के बड़े नेता संसद में बैंठे।

बनारस से चुनाव लड़ती तो निश्चित ही कांग्रेस को फायदा

बनारस में मोदी के खिलाफ जीत हासिल करना प्रियंका के लिए आसान नहीं था लेकिन यह भी तय है कि बड़े नेताओं के लिए हमेशा से समीकरण टूटते रहे हैं। प्रियंका कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा है। लोग उन्हें पसंद करते हैं। इसके अलावा भी कई फैक्टर थे जिसके सहारे प्रियंका दांव खेल सकती थी। इससे बनारस के आस-पास के इलाकों में कांग्रेस को फायदा होता। फिलहाल बनारस से प्रियंका के चुनाव लड़ने की खबरों पर विराम लग गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल और प्रियंका दोनों जानते हैं कि लोकसभा चुनाव में वह बहुत खास तो नहीं कर पायेंगे, फिर भी कांग्रेस के हौसलों को उड़ान जरूर देने में कामयाब होंगे, जिसका फायदा 2022 के यूपी के विधानसभा चुनाव में मिलेगा। प्रियंका इसी नीति पर काम भी कर रही है। कांग्रेस जीत के मकसद से नहीं बल्कि बीजेपी का वोट डैमेज करने की नीति पर काम कर रही है।

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