न्यूज़ डेस्क
भारत के राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया है।देश को पहले लोकपाल मिलने में जितना समय लगा, उतना ही समय लोकपाल बने न्यायमूर्ति पिनाकी को अपना कार्यालय मिलने में लगा रहा है।
कार्यालय न मिल के वजह से लोकपाल अपने साथी आठ सदस्यों के साथ एक पांच सितारा होटल के कमरे में अपने कार्य करने के लिए मजबूर हैं।
दिल्ली स्थित फाइव स्टार होटल में अपने कार्यालय के बारे में न्यायमूर्ति पिनाकी कहते हैं कि,
“अभी हम जीरो से शुरुआत कर रहे हैं। होटल में ऑफिस चल रहा है। अभी न हमारे पास आने वाली शिकायतों को निपटाने की कोई न ही स्टाफ है और न ही नियम हैं। अभी सदस्य सबकुछ तय करने में लगे हैं। लोकपाल सचिव, जांच निदेशक, अभियोजन निदेशक सहित बाकी स्टाफ मिलने पर काम में तेजी आएगी।“
वहीं, अन्य लोकपाल सदस्य जस्टिस दिलीप बाबासाहेब भोंसले ने बताया कि लोग इसमें कैसे शिकायत करेंगे इसको लेकर हम नियम-कानून बना रहे हैं। शिकायत के प्रारूप पर भी चर्चा जारी है। लेकिन यह प्रारूप तभी लागू होगा जब सरकार इसे नोटिफाई करेगी। इस हिसाब से लोकसभा चुनाव होने के बाद जून में ही कुछ हो सकेगा। इसके अलावा लोग ऑनलाइन शिकायत भी कर सकेंगे।
इससे पहले जस्टिस भोंसले ने पांच सितारा होटल में दफ्तर चलाने को लेकर आपत्ति जताई थी लेकिन चेयरमैन ने कहा कि अभी विकल्प नहीं है और खाली भी तो नहीं बैठ सकते थे। उन्होंने कहा कि हमने तो नहीं कहा था कि फाइवस्टार जगह दफ्तर दिया जाए? मैं यहां खाना तक नहीं खाता, सिर्फ चाय पीता हूं।
बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने कहा,
ऐसा लोकपाल सदस्यों ने हाईकोर्ट जज के दर्जे की मांग की है? हम ऐसा क्यों करेंगे? लोकपाल कानून की धारा-7 दिखाते हुए उन्होंने कहा, “चेयरमैन को सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस और सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के बराबर वेतन, भत्ता व सुविधाएं तो वैसे ही मिलेंगी। हमारा मकसद यह है कि वाजिब शिकायत लेकर लोकपाल के पास आने वाले लोगों को यहां से न्याय मिलेगा।“
नहीं आयेंगे दायरे में
बता दे की सुप्रीम कोर्ट जज और डिफेंस के अधिकारियों को छोड़कर बाकी सभी लोकपल जांच के दायरे में आएंगे। शिकायत मिलने पर पीएम, मंत्री व सांसद और ग्रुप ए व बी के अधिकारी, सरकारी बोर्ड, ट्रस्ट, कंपनी व सोसाइटी के सदस्यों के खिलाफ लोकपाल जांच कर सकेंगे।