जुबिली न्यूज डेस्क
1 अप्रैल यानी आज से देश में वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो गई है और नए वित्तीय वर्ष के पहले ही दिन यानी मंगलवार से 900 आवश्यक दवाइयों की कीमतों में बढ़ोत्तरी भी लागू हो गई है. नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने इस सभी 900 से अधिक आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.74 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है. जानें कौनसी बीमारियों की दवाइयां शामिल हैं.
सरकार ने क्यों बढ़ाई दवाओं की कीमतें?
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में इस वृद्धि को लेकर जवाब दिया। उन्होंने बताया कि ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर, 2013 (DPCO, 2013) के तहत हर साल WPI (Wholesale Price Index) के आधार पर दवाओं की कीमतों में संशोधन किया जाता है। पिछले वर्ष 1 अप्रैल 2024 को यह वृद्धि मात्र 0.00551% थी, लेकिन इस बार कीमतों में 1.74% तक की बढ़ोतरी की गई है।
किन दवाओं की कीमतों में इजाफा हुआ?
एंटीबायोटिक्स
एज़िथ्रोमाइसिन (Azithromycin)
250 mg: ₹11.87 प्रति टैबलेट
500 mg: ₹23.98 प्रति टैबलेट
एमोक्सिसिलिन + क्लेवुलेनिक एसिड ड्राई सिरप: ₹2.09 प्रति मिलीलीटर
दर्द निवारक दवाएं (Painkillers)
डिक्लोफेनेक (Diclofenac): ₹2.09 प्रति टैबलेट
इबुप्रोफेन (Ibuprofen)
200 mg: ₹0.72 प्रति टैबलेट
400 mg: ₹1.22 प्रति टैबलेट
डायबिटीज की दवाएं
डेपाग्लिफ्लोजिन + मेटफॉर्मिन + ग्लिमेपिराइड: ₹12.74 प्रति टैबलेट
एंटीवायरल दवाएं
एसाइक्लोविर (Acyclovir)
200 mg: ₹7.74 प्रति टैबलेट
400 mg: ₹13.90 प्रति टैबलेट
एंटीमलेरियल दवाएं
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine)
200 mg: ₹6.47 प्रति टैबलेट
400 mg: ₹14.04 प्रति टैबलेट
दवा कंपनियों को बढ़ाने की छूट
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महत्वपूर्ण:
ड्रग मैन्युफैक्चरर्स बिना सरकारी स्वीकृति के WPI के आधार पर दवाओं की कीमतें बढ़ा सकते हैं।
यह बढ़ोतरी जरूरी दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर लागू होगी।