न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को देश के सबसे विवादित अयोध्या मामले में अपना फैसला सुनाया। सरकार द्वारा तमाम ऐहतियात बरतने और सख्ती के बावजूद कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किया और कुछ ने जश्न मनाने के लिए पटाखे फोड़े। फैसला आने के बाद से 10 नवंबर की शाम तक पुलिस ने पूरे देश में करीब 90 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश में ही करीब 77 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार देश के किसी भी हिस्से से किसी घटना की जानकारी नहीं मिली है। गृह मंत्री अमित शाह शनिवार और रविवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए शांति व्यवस्था पर कड़ी नजर रखने का आग्रह किए थे। वहीं यूपी पुलिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दो दिन में 8275 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिनमें 4563 पोस्ट पर रविवार को ही कार्रवाई की गई। उधर, मध्य प्रदेश में भी 10 लोगों को हिरासत में लेने के साथ ही एक जेल वार्डन को निलंबित कर दिया गया है।
10 नवंबर की शाम तक उत्तर प्रदेश में करीब 34 मुकदमे दर्ज किए गए थे और 77 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस विभाग की सोशल मीडिया निगरानी शाखा ने रविवार को 22 मुकदमे दर्ज किए और 40 लोगों को हिरासत में लिया। एडीजी लखनऊ जोन पीवी रामाशास्त्री के मुताबिक, शनिवार देर रात तक ही 37 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
इसके साथ ही अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्थानीय कार्यालय को सील करने के साथ ही उसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा को हिरासत में ले लिया गया है। राज्य के एक अन्य हिस्से में पटाखे फोड़कर खुशी जताने के लिए सात लोगों को हिरासत में लिया गया है।
वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जेल वार्डन महेश अवाद को फैसला आने के बाद छावनी एरिया में प्रतिबंध के बावजूद पटाखे फोडऩे का आरोपी पाया गया। ग्वालियर सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट मनोज कुमार साहू ने बताया कि इस बात की जानकारी मिलने पर महेश को निलंबित कर दिया गया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। राज्य में सिवनी से आठ व ग्वालियर से दो लोगों को आपत्तिजनक संदेश पोस्ट करने पर हिरासत में लिया गया
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