जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में पूर्ण शराबबंद लागू है, लेकिन यहां के लोग शराब पीने में सबसे आगे हैं। गांव से लेकर शहर तक के लोग शराब का सेवन करते हैं।
बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान भारी मात्रा में पुलिस ने शराब जब्त किया था। जिसकी कीमत करोड़ों रुपए थी। एक बार फिर बिहार में बड़ी खेप में पुलिस ने शराब जब्त किया है।
बिहार सरकार पर लगातार आरोप लगता आ रहा है कि राज्य में अवैध रूप से शराब की खूब तस्करी हो रही है। इसकी पुष्टिï पुलिस द्वारा पकड़ी जाने वाली शराब की खेप करते हैं।
इस बार उत्पाद विभाग ने पटना में अब तक की सबसे बड़ी शराब की खेप पकड़ी है। उत्पाद विभाग ने पांच हजार शराब की पेटियों को बरामद किया है जिसकी कीमत 5 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस मामले लापरवाही के आरोप में पटना सिटी बाईपास थाने के प्रभारी और चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है।
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इस मामले में उत्पाद विभाग के आयुक्त कृष्णा पासवान ने कहा कि आज से पहले अवैध शराब की इतनी बड़ी कंसाइनमेंट कभी नहीं पकड़ी गई थी। 9 ट्रक के करीब शराब पकड़ी गई है जिसमें पांच हजार पेटियां हैं।
उन्होंने कहा कि जप्त शराब की पेटियों को उत्पाद विभाग के गोदाम तक ले जाने में 24 घंटे का समय लगा जिसके बाद इसे सील कर दिया गयाा। पुलिस इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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शराब की तस्करी के मामले में पुलिस ने जमीन मालिक को भी गिरफ्तार किया है जिसकी जमीन पर गोदाम बना था और शराब रखी जा रही थी। उसके घर से 4 लाख रुपये कैश और शराब की दो बोतलें भी बरामद हुई है।
पुलिस के अनुसार अवैध शराब की तस्करी करने वाला मुख्य आरोपी दूसरे राज्य का है। यही वजह है कि गोदाम में मजदूर भी दूसरे राज्य के ही काम करते थे ताकि किसी को कानों कान खबर तक ना हो।
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वहीं जमीन मालिक के परिजनों ने फंसाने का आरोप लगाया है। उसके परिजनों ने किराएदारों के साथ हुए एग्रीमेंट को दिखाते हुए कहा कि जिस जगह से शराब पकड़ी गई है वो रामेंद्र शर्मा नाम के शख्स ने किराए पर ली थी जो उत्तर प्रदेश के आगरा का रहने वाला है।
जमीन मालिक के परिजनों के अनुसार गोदाम बनाने के लिए 9800 वर्ग फीट की जगह के लिए हर महीने 1 लाख 47 हजार रुपये किराये पर दिया गया था। मकान मालिक के परिजनों ने बताया कि रामेंद्र शर्मा के घर का स्थायी पता उनके पास नहीं है।