Saturday - 26 October 2024 - 4:18 PM

कोटा के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 9 नवजातों की मौत

जुबिली न्यूज डेस्क

राजस्थान के कोटा के एक सरकारी अस्पताल में कुछ ही घंटों में नौ नवजात शिशुओं की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

यह वहीं अस्पताल है जहां पिछले साल 2019 में 100 से अधिक नवजातों की मौत हुई थी।

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बुधवार की रात पांच नवजात शिशुओं की मौत हुई तो गुरुवार को चार और नवजातों की मौत हो गई। मरने वाले सभी बच्चे 1-4 दिन के बताए जा रहे हैं।

कुछ ही घंटों के अंतराल पर सरकारी अस्पताल में इतने बच्चों की मौत से राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने नवजात शिशुओं की उचित देखभाल के लिए अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं और लापरवाही के लिए सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

ये भी पढ़े : एक्टिंग और रीयलिटी की लकीर मिटा देने वाले का नाम है दिलीप कुमार

ये भी पढ़े : जलवायु परिवर्तन के खिलाफ यूरोप ने उठाया बड़ा कदम

ये भी पढ़े : सिंधु घाटी सभ्यता के लोग खाते थे बीफ, स्टडी में हुआ खुलासा

पिछले साल नवंबर और दिसंबर के महीने में इसी अस्पताल में करीब 110 नवजातों की मौत हुई थी। उस वक्त बच्चों की मौत पर बहुत बवाल हुआ था और राज्य सरकार पर भी सवाल उठ खड़े हुए थे।

कुछ जानकारों का कहना है कि अब भी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। जेके लोन अस्पताल में आसपास के जिलों से आए नवजातों का भी इलाज होता है।

गुरुवार को हुई घटना पर स्वास्थ्य मंत्री ने ट्विटर पर जारी बयान में कहा, “तीन बच्चे मृत ही लाए गए थे, तीन बच्चों को जन्मजात बीमारी थी और 3 बच्चों की मौत फेफड़ों में दूध जाने के कारण हुई है।”

वहीं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा के हवाले से एक अखबार ने लिखा कि इस अस्पताल में रोजाना 30 से ज्यादा डिलीवरी होती है और औसत दो से तीन नवजातों की मौत होती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि 24 घंटे में नवजात शिशुओं की नौ मौतों को सामान्य नहीं कहा जा सकता है।

ये भी पढ़े : क्‍या राज्‍यपाल बंगाल में राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश करने वाले हैं?

ये भी पढ़े : तीन दिन बाद बैंक उठाने जा रहा ये कदम, पढ़ ले जरूरी खबर

ये भी पढ़े :  तो इस वजह से विकास दुबे की पत्नी हो सकती हैं गिरफ्तार

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर राजस्थान सरकार पर हमला बोला है और इसे प्रशासन की लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा, “जेके लोन अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही के चलते पिछले वर्ष भी केवल एक माह में ही सैकड़ों बच्चों की मौत हुई थी, लेकिन सरकार ने अपनी किरकिरी से बचने के लिए उस समय भी दोषियों को बचाने का काम किया था। वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौर में प्रशासन को पहले ही अलर्ट हो जाना चाहिए।”

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com