प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. उत्तर प्रदेश से इस साल 8701 मुसलमान हज यात्रा पर जाएंगे. 2017-18 में उत्तर प्रदेश से 32 हज़ार लोग हज यात्रा पर गए थे. इसके बाद कोरोना की वजह से हज यात्रा ही नहीं हुई. इस बार हज की अनुमति मिली है तो सिर्फ 8701 लोगों ने ही आवेदन किया. इन सभी को हज पर भेजा जायेगा. यह संख्या क्योंकि पहले ही बहुत कम है इसलिए इस बार लाटरी कराने की ज़रूरत नहीं है. यह जानकारी राज्य हज समिति के अध्यक्ष मोहसिन रज़ा ने दी. कल्याण भवन में बुधवार को खादिमुल हुज्जाज के नाम तय करने के लिए लाटरी का आयोजन किया गया था. इसी मौके पर मोहसिन रज़ा ने यह बात कही.
318 लोगों ने खादिमुल हुज्जाज बनने के लिए आवेदन किया था. जिनमें से लाटरी के ज़रिये बुधवार को 58 नामों का चयन किया गया. प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्म पल सिंह ने इस मौके पर बताया कि धार्मिक यात्राएं देश और समाज को जोड़ने का काम करती हैं. हज यात्रा में जीवन की गाढ़ी कमाई खर्च की जाती है. इसी वजह से सरकार ने खादिमुल हुज्जाज के चयन के लिए लाटरी प्रक्रिया को अपनाया ताकि यह माना जाए कि जिसे अल्लाह ने खुद बुलाया है वही हज यात्रा पर जाए.
अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बताया कि हज यात्रा पर जाने वाले सभी यात्रियों को मुबारकबाद. हज पर जा रहे खादिमुल हुज्जाज लोगों का खिदमत का भाव लेकर ही जाएँ तो उन्हें सवाव भी ज्यादा मिलेगा. वह लोगों की खिदमत करें, हज तो उनका भी हो ही जायेगा.
मौलाना सूफियान निजामी ने इस मौके कहा कि हज पर जा रहे लोगों की खिदमत बहुत सवाब का काम है. उन्होंने कहा कि खादिमुल हुज्जाज के लिए 318 लोगों ने अपने नाम दिए थे जिनमें से लाटरी के ज़रिये 58 नाम छांटे गए हैं.
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