Wednesday - 30 October 2024 - 1:02 PM

लोकसभा चुनाव में 86 प्रतिशत उम्मीदवारों की हुई थी जमानत जब्त

न्यूज डेस्क

चुनाव में साल दर साल उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा, उम्मीदवारों की संख्या घटने के बजाए बढ़ती जा रही है। शायद इसीलिए जमानत जब्त होने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

अप्रैल-मई माह में लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ। इस चुनाव में भी 8026 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। कुल उम्मीदवारों में से 86 प्रतिशत कैंडिडेट्स ऐसे हैं जो अपनी चुनाव में जमानत नहीं बचा सके।

यह जानकारी चुनाव आयोग की ओर से दी गई है। वहीं पिछली लोकसभा चुनाव में मतदान का आंकड़ा 67.4 प्रतिशत रहा जो लोकसभा चुनाव में मतदान का यह सर्वाधिक आंकड़ा रहा।

चुनाव आयोग की इस रिपोर्ट में देश की 542 लोकसभा सीटों को इसमें शामिल किया गया है। वेल्लोर को इसमें नहीं शामिल किया गया क्योंकि वेल्लोर में चुनाव रद्द कर दिया गया था।

चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हारने वाले 7,484 उम्मीदवारों में से सिर्फ 587 उम्मीदवार ही ऐसे रहे जो अपनी जमानत बचा सके।

लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने383 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें बीएसपी के 345 उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में जमानत भी नहीं बचा सके। वहीं 421 में से कांग्रेस के 148, सीपीएम के 69 में से 51, सीबीआई के 49 में से 41, एनसीपी के 34 में से 14 और टीएमसी के 62 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके। 303 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी करनेवाली बीजेपी के भी 51 उम्मीदवार जमानत बचाने में नाकाम रहे।

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भाजपा को मिला 37.76 प्रतिशत वोट

चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा का 37.76 प्रतिशत वोट शेयर रहा। वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस का वोट शेयर 19.7 प्रतिशत रहा। बाकी अन्य पार्टियों में तृणमूल कांग्रेस का 4.11 प्रतिशत, बीएसपी का 3.67 प्रतिशत, सीपीएम का 1.77 प्रतिशत, एनसीपी का 4 प्रतिशत और सीपीआई का वोट शेयर सिर्फ 0.59 प्रतिशत तक ही रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक इस बार के चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाएं मतदान के लिए निकलीं। 67.18 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह पुरुषों के 67 प्रतिशत से अधिक रहा। 17 राज्यों और संघ-शासित प्रदेशों में महिला मतदान प्रतिशत अधिक रहा जिनमें बिहार, जैसे राज्य शामिल हैं।

लक्षद्वीप में सबसे अधिक 85.21 प्रतिशत मतदान

संघ-शासित प्रदेश लक्षद्वीप में लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक 85.21 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद नगालैंड में 83 प्रतिशत मतदान हुआ। देश के बड़े राज्यों में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक मतदान 81.76 प्रतिशत हुआ। जम्मू-कश्मीर में सबसे कम 44.97 प्रतिशत ही मतदान हुआ। हिंदी बेल्ट कहे जानेवाले राज्यों में बिहार (57.35 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश में 59.21 प्रतिशत ही मतदान हुआ।

इसके अलावा असम के ढुबरी में सबसे अधिक मतदान हुआ और यह 90.66 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक मतदान वाला संसदीय क्षेत्र इस लोकसभा चुनाव में बना। सुरक्षा कारणों से अनंतनाग में सबसे कम 8.98 प्रतिशत ही मतदान हो सका। पोस्टल बैलेट के जरिए इस बार चुनाव में 28 लाख लोगों ने मतदान किया, लेकिन इनमें से सिर्फ 22.8 लाख मत ही वैध घोषित किए गए। लगभग 5 लाख पोस्टल बैलेट वोट बोगस निकले।

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