जुबिली स्पेशल डेस्क
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा कार्यवाही काफी प्रभावित रही है। इतना ही नहीं हंगामे के कारण दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ा।
संसद के शीतकालीन सत्र में 20 दिन का कामकाज हुआ। गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर सदन में एक बार जमकर हंगामा हुआ।
सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार (20 दिसंबर 2024) सुबह 11:00 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा। और थोड़ी देर में लोकसभा अनिश्चित साल के लिए स्थगित हो गई।
20 दिन संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज ना होने का अनुमानित नुकसान 84 करोड़ आका जा रहा है। आपने ये सोचा ये पैसा कहा से आता है। ये पैसा हमारे आपके टैक्स से जुटाए जाते हैं। ऐसे में हमारे नेता कामकाज के बजाए हंगामा काटने पर जोर लगाते हैं।
संसद की कार्यवाही पर प्रति मिनट करीब 2.50 लाख रुपये खर्च होने की बात कही जा रही है।
इसके साथ ही लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज की बात की जाए तो इस बार लोकसभा में 61 घंटे 55 मिनट की कार्यवाही चली है। वहीं राज्यसभा में 43 घंटे 39 मिनट कामकाज हुआ।
के घंटे गिने जाए तो लोकसभा में 61 घंटे 55 मिनट काम हुआ तो लोकसभा में 20 बैठकें और राज्यसभा में 19 बैठकें हुई। अगर देखा जाए तो जनता अपने नेता को चुनकर सदन में भेजती है।
जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि सदन में उनकी आवाज उठाते हैं लेकिन मौजूदा दौर में लोकसभा हो या राज्यसभा में जनता के मुद्दों को उठाने की बजाय किसी और मुद्दों को हवा दी जाती है और समय को बर्बाद किया जाता है। इस वजह से जनहित के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं और नेता अपनी राजनीति को चमकाने में ज्यादा ध्यान देते हैं।
राजनीतिक दलों को यह सोचना होगा कि सदन की कार्रवाई में करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं वह जनता के टैक्स से ही आते हैं। सदन की ज्यादातर वक्त बर्बाद हुआ है और 84 करोड़ का नुकसान हो गया है।