जुबिली न्यूज डेस्क
तंबाकू से होने वाले कैंसर की वजह से दुनिया भर में हर साल लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं। तंबाकू का सेवन करने वालों को पता है कि यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है, बावजूद इसके बहुत सारे लोग नहीं छोड़ते। गिने-चुने लोग होते हैं जो समय रहते तंबाकू छोड़ देते हैं।
लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के बाद से दुनियाभर में तंबाकू छोड़ने वालों की तादात बढ़ी है। कोरोना ने वह कर दिखाया जो कैंसर जैसी घातक बीमारी नहीं कर पा रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनिया भर में लगभग 78 करोड़ ऐसे लोग ऐसे हैं, जो तंबाकू की लत से छुटकारा पाना चाहते हैं। लेकिन इन लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वे अपनी इस आदत को कैसे छोड़ें।
इस को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने एक वैश्विक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के माध्यम से लोगों को तंबाकू छोडऩे के लिए प्रेरित किया जायेगा।
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा कि दुनिया भर में फैली कोविड-19 महामारी ऐसा समय है, जब लोगों को तंबाकू का सेवन छोड़ने के लिए प्रेरित होना चाहिए, क्योंकि धूम्रपान से सांस सम्बन्धी अनेक बीमारियां होती हैं। इसके साथ ही धूम्रपान करने वाले लोगों को दिल की बीमारियां, कैंसर, डायबटीज होने का भी बहुत ज्यादा खतरा होता है। इसकी वजह से वो कोविड-19 के गम्भीर खतरे के लिये भी जोखिम में पड़ जाते हैं।
यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, दुनिया भर में हर साल तंबाकू की वजह से लगभग 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जबकि इनमें से लगभग 70 लाख लोगों की मौत सीधे-सीधे तंबाकू के सेवन की वजह से होती है। लगभग 12 लाख ऐसे लोग भी मौत का शिकार होते हैं जो खुद तो तंबाकू का सेवन नहीं करते, मगर वह तंबाकू सेवन करने वालों के नजदीक होने के कारण बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टैड्रॉस घेबरेयेसस ने कहा कि अगर धूम्रपान करने वालों को ये हानिकारक आदत छोडऩे के लिए किसी और ज्यादा प्रेरणा की जरूरत है तो कोरोना वायरस सबसे बड़ी वजह हो सकती है।
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डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य प्रोत्साहन विभाग के निदेशक डॉक्टर रुएडियेर क्रेश का कहना है, “दुनिया भर में करोड़ों लोग तंबाकू सेवन छोडऩा चाहते हैं। इन लोगों को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए और ऐसे लोगों की मदद के लिए लोगों को आगे आना चाहिए।”
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा कि धूम्रपान छोडऩे के लिए एक वैश्विक अभियान ‘धूम्रपान छोडऩे के लिये संकल्प लें’ शुरू किया गया है।
इसके तहत दुनिया भर की सरकारों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नीति निर्माण करने को कहा जाएगा। साथ ही, धूम्रपान छोडऩे में सहायता मुहैया कराने वाली सुविधाएं और सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा तंबाकू उद्योग की चालबाजियों के बारे में जागरूकता उत्पन्न की जाएगी और तम्बाकू सेवन करने वालों को इस हानिकारक आदत को छोडऩे के लिये सशक्त बनाने की कोशिश की जाएगी।
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डब्ल्यूएचओ ने आर्टिफिसिएल इंटेलिजेंस पर आधारित एक डिजिटल स्वास्थ्यकर्मी फ्लोरेन्स की नियुक्ति की है, जो बिना थके, सटीक जानकारी मुहैया कराएगी, जिससे लोगों को धूम्रपान छोडऩे में एक ठोस कार्यक्रम व योजना पर अमल करने में मदद मिलेगी।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस अभियान के तहत उन 22 देशों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां दुनिया भर में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है।