जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में 2.50 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में जिला प्रशासन की ओर से 65 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भाजपा के शेखुपुर विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने मार्च 2018 में संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक सहकारिता बरेली से इसकी शिकायत की थी। जांच में घोटाले का खुलासा हुआ था। यह घोटाला स्कूल प्रबंधकों के साथ मिलकर समाज कल्याण, अल्प संख्यक कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, प्रोबेशन विभाग एवं जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक, अधिकारी तथा कर्मचारी ने मिलकर किया।
घोटाले का खुलासा होने पर प्रशासन ने 65 लोग एफआईआर दर्ज कराई है। साथ ही डीएम ने घोटाले में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों से रकम वसूल के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009-10 और 2017-18 का छात्रवृत्ति घोटाला राज्य सरकार द्वारा जिले के अलग- अलग तहसील क्षेत्रों के तहत आने वाले स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति दी गई थी। इस छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया था।
इसकी शिकायत भाजपा के सत्ता में आने पर शेखूपुर विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने मार्च 2018 में की। शिकायत पर संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक सहकारिता बरेली के द्वारा जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया था। घोटाले की जांच करने के लिए अलग- अलग क्षेत्र में अलग अलग अधिकारियों को संयुक्त रूप से नियुक्त किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि अधिकारियों की जांच में पाया गया कि इन क्षेत्रों के स्कूल एवं मदरसों के प्रबंधकों तथा प्रधानाचार्य एवं जिला समाज कल्याण विभाग, जिला प्रोबेशन विभाग, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, जिला अल्पसंख्यक विभाग ने जिला सहकारी बैंक की शाखाओं की मदद से करीब 2.50 करोड़ का घोटाला किया।
घोटाले होने की रिपोर्ट शासन को भेजने के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति लेने के बाद सहायक आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता राघवेंद्र सिंह ने थाना सिविल लाइंस में घोटाले में शामिल 65 आरोपियों के खिलाफ फर्जीवाड़ा सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
जिलाधिकारी का कहना है कि जो नामजद अफसर, कर्मचारी, शिक्षक, मदरसा संचालक हैं, सभी जेल जाएंगे। आदेश दे दिए हैं कि कोई घोटालेबाज छूट न पाए। सरकारी बैंक, जिला समाज कल्याण विभाग, जिला प्रोबेशन विभाग, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, जिला अल्पसंख्यक विभाग के जो भी अधिकारी और कर्मचारी इसमें शामिल हैं, उनको निलंबित कर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।