न्यूज डेस्क
कोविड 19 का रहस्य आज भी बरकरार है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर यह आया कहां से हैं। इसका स्रोत क्या है। अमेरिका से लेकर यूरोप के देश कई बार यह सवाल उठा चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के आरोप के बाद अब दुनिया के 62 देश डब्ल्यूएचओ से जानना चाहते हैं कि आखिर कोविड 19 आया कहां से है।
यूरोपीय देश और ऑस्ट्रेलिया कोरोना और उस पर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया की जांच को लेकर समर्थन जुटा रहे हैं ताकि “निष्पक्ष और स्वतंत्र समीक्षा” हो पाए। इस बीच इस बीच सोमवार 18 मई से शुरू होने वाली दो दिवसीय 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा से पहले भारत समेत 62 देशों ने एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया है।
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इस प्रस्ताव में कोरोना वायरस की महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया की स्वतंत्र जांच कराने का आग्रह किया गया है। इस मसौदा प्रस्ताव को विश्व स्वास्थ्य सभा में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। भारत भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहा है और कोरोना वायरस के फैलने को लेकर भारत ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुख पेश किया है।
दुनिया के 210 देश कोरोना वायरस का संक्रमण झेल रहे हैं। इसका कोई स्थाई इलाज न होने के कारण प्रतिदिन हजारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं। सोमवार सुबह तक कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया में 3,15,191 लोगों की मौत हो गई और 47,14,240 लोग इससे संक्रमित हैं। भारत में भी कोरोना वायरस तेजी से पाव पसार रहा है। यहां अब तक 96,169 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं और सोमवार की सुबह तक 3,029 लोगों की मौत हो चुकी है।
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दुनिया के 62 देशों ने इस मसौदे में कोरोना संकट की “निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक” जांच की मांग की है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ के कार्यों की जांच और कोविड-19 महामारी से जुड़ी उसकी समयसीमा की भी जांच की मांग की गई है।
ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक, “सही समय पर और सदस्य देशों से सलाह करने के बाद निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक मूल्यांकन की एक चरणबद्ध प्रक्रिया शुरू हो, जिसमें मौजूदा प्रणाली का इस्तेमाल शामिल हो। कोविड-19 के लिए डब्ल्यूएचओ समन्वय अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रतिक्रिया से सीखे गए अनुभवों और प्राप्त सबक की समीक्षा होनी चाहिए। ”
आस्ट्रेलिया पहला देश है जिसने सबसे पहले कोरोना वायरस फैलने को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग की थी। हालांकि चीन और अमेरिका इस प्रस्ताव में शामिल नहीं है। प्रस्ताव सात पन्नों के मसौदे का हिस्सा है, जिसे 35 देशों और 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ ने पेश किया है। ईयू समर्थित इस मसौदे को जापान, ब्रिटेन, न्यूजीलैडं, दक्षिण कोरिया ब्राजील, और कनाडा का समर्थन हासिल है।
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