न्यूज डेस्क
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अक्षय तृतीया के अवसर पर पूरे देश में एक अनुमान के अनुसार लगभग 600 करोड़ रुपये के सोने का कारोबार हुआ। 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन देशभर में लॉकडाउन के कारण परंपरागत रूप से सोने का जो व्यापार होता था, वो नहीं हो पाया। देशभर में सोने और सोने के आभूषणों की दुकानें बंद रहीं, बावजूद अनेक स्थानों पर ऑनलाइन माध्यम से त्योहार के शगुन के रूप में थोड़ा बहुत सोने का कारोबार हुआ। दिलचस्प है कि लोगों ने वॉट्सएप से भी सोने की बुकिंग की।
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हर साल अप्रैल-मई के महीने में आने वाले त्योहार अक्षय तृतीया हिंदू परिवार के लिए बहुत अहमियत रखता है। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर विक्रम संवत के वैशाख महीने में आता है और हिन्दू परिवारों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार सोना जरूर खरीदना चाहिए। ज्यादातर हिंदू परिवार अपनी हैसियत के अनुसार कुछ न कुछ खरीदते जरूरत है, लेकिन इस बार तालाबंदी के की वजह से विक्रेता चिंतित थे।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और देशभर के ज्वैलरी व्यापारियों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया ज्वैलर्स एवं गोल्ड्स्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोड़ा ने बताया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर पूरे देश में एक अनुमान के अनुसार लगभग 600 करोड़ रुपये के सोने का कारोबार हुआ।
पंकज ने बताया कि 26 अप्रैल को देशभर में लोगों ने ज्वैलर्स को फोन करके या व्हाट्सऐप के जरिए सोने के आभूषणों की बुकिंग की। इस दौरान लोगों ने आभूषणों की खरीद राशि का 20 प्रतिशत एडवांस में डिजिटल माध्यम से भुगतान किया। सोने के जेवरों और सिक्कों की बुकिंग रविवार के दिन के भाव पर की गई, लेकिन आभूषणों की डिलीवरी 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद की जाएगी।
साथ में पंकज ने यह भी कहा कि यदि 3 मई के बाद भी लॉकडाउन नहीं खुलता है, तो शेष 80 फीसदी धनराशि का भुगतान ग्राहकों को 3 मई के तुरंत बाद करना होगा, तभी उनको 26 अप्रैल के रेट पर सोने के जेवर और सिक्के दिए जाएंगे।
2019 में अक्षय तृतीया पर सोने का भाव 32 हजार 500 रुपये प्रति 10 ग्राम था और इस साल वर्तमान में 10 ग्राम सोने की कीमत 47 हजार 500 रुपये हैं। वहीं पिछले साल अक्षय तृतीया पर 23 टन सोना बिका था, यानी 30 अरब रुपये से भी ज्यादा का कारोबार हुआ था। हर साल इस तिथि पर जितना सोना बिकता है वो पूरे साल के सोने की बिक्री का तीन से चार प्रतिशत तक होता है।
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दरअसल सोने के लेकर भारतीयों में जो भरोसा है वही वजह है कि देश में इतनी भारी मात्रा में सोने की खरीददारी होती है। सोने में निवेशकों का हमेशा भरोसा रहता है और संकट के समय यह भरोसा और गहरा जाता है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच इस समय सोने की मांग में भारी उछाल देखने को मिल रही है। थोक व्यापारी और खुदरा ग्राहक दोनों ही सोना खरीदने की होड में लगे हैं।
मार्च में कमोडिटी बाजारों में सोने के दाम सात साल में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए थे क्योंकि व्यापारियों ने कोविड-19 और उसके हानिकारक आर्थिक असर से बचने के लिए सोने की शरण ले ली थी। भारत में भी सोने की भारी मांग रहती ही है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उस तरह नहीं हो पाई जिस तरह से हर साल होती रही है।
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