ब्याज दर में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगी
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के करीब आते ही मोदी सरकार ने एक बार फिर देश के 6 करोड़ लोगो को सीधे लाभ पहुंचने के लिए EPFO की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। आपको बता दे की बीते वित्तीय वर्ष में सरकार ने 8.65 फीसदी की थी। इससे पहले ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को पीएफ पर 8.55 फीसदी का ब्याज दिया था। इस हिसाब से पीएफ में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले सरकार की ओर से नौकरीपेशा और किसानों को लुभाने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की निश्चित राशि देने का ऐलान किया गया है तो वहीं 15 हजार से कम कमाई करने वाले मजदूर वर्ग के लोगों के लिए पेंशन स्कीम लॉन्च की गई है।
चुनाव से पहले मोदी सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को बड़ा तोहफा देकर उन्हें अपनी ओर खींच लिया है। दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO ने प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज दर में इजाफा किया है। आसान भाषा में समझें तो नौकरीपेशा लोगों को पीएफ पर सरकार अब पहले से ज्यादा ब्याज देगी। इसका फायदा 6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को मिलना तय है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी सीबीटी की गुरुवार को बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। यह बॉडी ही पीएफ पर ब्याज दर की सिफारिश करती है। बोर्ड की मंजूरी के बाद अब प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड (सीबीटी) के सभी सदस्यों ने यहां एक बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अब इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। वित्त मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद ब्याज को अंशधारकों के खाते में डाल दिया जाता है।
बता दें कि ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को पीएफ पर 8.55 फीसदी का ब्याज दिया है। यह पिछले 5 साल में सबसे कम था। वहीं अगर 2016-17 की बात करें तो पीएफ पर 8.65 फीसदी ब्याज दर था। यानी अब एक बार फिर पीएफ पर वही ब्याज दर मिलेगा जो वित्त वर्ष 2016-17 में मिल रहा था। वहीं 2015-16 में 8.8 फीसदी का ब्याज मिला था। इसके अलावा 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 फीसदी थी।