जुबिली न्यूज़ डेस्क
जापान के एक शोध में वाई फाई राऊटर से निकलने वाले माइल्ड इलैक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन से पुरुषों में शुक्राणुओं की गतिशीलता पर पड़ने वाले गंभीर खतरे के बारे में अगह किए जाने के बीच वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि 5 जी नेटवर्क से ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि, ”जब वाई फाई राऊटर के इलैक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन से शुक्राणुओं की सक्रियता प्रभावित हो सकती है तो ‘उच्च शक्ति सम्पन्न’ 5जी नेटवर्क के कारण लोगों के ब्रेन ट्यूमर समेत कई तरह के गंभीर रोगों के जद में आने की आशंका के बारे आसानी से अंदाज लगाया जा सकता हैं।”
जापान के वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपने ताजा शोध में साबित किया है कि न केवल मोबाइल हैंडसैट बल्कि वाई फाई राऊटर से निकलने वाला इलैक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन भी पुरुषों में शुक्राणुओं की गतिशीलता में कमी की वजह बन रहा है।
इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 21वीं सदी में कैंसर और दिल की बीमारियों के बाद पुरुषों में शुक्राणुओं की निष्क्रियता सबसे बड़ी समस्या होगी।
शुक्राणुओं के नमूनों को 3 स्थानों पर हुई जांच
जापान के अनुसंधानकर्ता कुमिको नकाता की टीम के अनुसार पुरुषों के शुक्राणुओं के नमूनों को 3 स्थानों (वाई फाई वाले क्षेत्र में, वाई फाई को ढक कर रखे हुए स्थान में और वाई फाई की पहुंच से दूर वाले क्षेत्र) में जांच के लिए रखा गया। एक घंटा तक तीनों स्थानों पर रखे शुक्राणुओं में किसी तरह का बदलाव नहीं था लेकिन 2 घंटे के बाद अंतर देखने को मिला।
उन्होंने कहा, ‘शील्ड करके रखे गएशुक्राणुओं की गतिशीलता का प्रतिशत 44।9, वाई फाई वाले क्षेत्र रखे हुए शुक्राणुओं का 26।4 प्रतिशत और जिन्हें इसकी पहुंच से दूर रखा गया था उनका दर 53।3 प्रतिशत पाया गया।’
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार 24 घंटे के बाद शुक्राणुओं में बड़ा अंतर देखा गया। जिन्हें वाई फाई की पहुंच से दूर रखा गया था उन शुक्राणुओं के खत्म होने का प्रतिशत 8।4, जिन्हें इसके क्षेत्र में रखा गया उनका दर 23।3 और जिन्हें शील्ड किए गए वाई फाई के जोन में रखा गया उनका प्रतिशत 18।2 प्रतिशत रहा।
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