जुबली डेस्क
एक दौर था जब राजनीति में फक्कड़ किस्म के लोग होते थे। राजनीति उनके लिए समाज सेवा होती थी। उस दौर में नेता अपने लिए एक ठीकठाक घर बना ले वहीं बड़ी बात होती थी। अब राजनीति की परिपाटी बदल चुकी है। गरीब व्यक्ति के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है। वह कार्यकर्ता तो बन सकता है लेकिन सांसद, विधायक या मंत्री नहीं।
अब राजनीति में जगह रसूखदार और अपराधी किस्म के लोगों को मिल रही है। जो रसूखदार है उनको राजनीतिक दल टिकट भी आसानी से दे देते हैं भले ही वह जनता से कोसों दूर हो। शायद इसीलिए देश के अधिकांश सांसद करोड़पति हैं। एडीआर की रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है।
लोकसभा के प्रत्येक मौजूदा सदस्य की औसत संपत्ति 14. 72 करोड़ रूपये
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा के मौजूदा 521 सांसदों में कम से कम 83 प्रतिशत करोड़पति हैं और 33 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
एडीआर ने 2014 के आम चुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए 543 सदस्यों में 521 सांसदों के शपथपत्रों का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जिन 521 मौजूदा सांसदों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया, उनमें 430 (83 प्रतिशत) करोड़पति हैं। उनमें भाजपा से 227, कांग्रेस से 37 और अन्नाद्रमुक से 29 सांसद हैं।’
रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा के प्रत्येक मौजूदा सदस्य की औसत संपत्ति 14. 72 करोड़ रूपये है। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा 32 सांसदों ने अपने पास 50 करोड़ रूपये से अधिक की संपत्ति घोषित की, जबकि सिर्फ मौजूदा दो सांसदों ने पांच लाख रूपये से कम की संपत्ति घोषित की है। रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा 33 प्रतिशत सांसदों (लोकसभा के) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की शपथपत्रों में घोषणा की है।
106 सांसदों ने की अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 106 सांसदों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है। इन लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩा, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामले शामिल हैं, जबकि 10 मौजूदा सांसदों ने हत्या से जुड़े मामले घोषित किए हैं। उनमें से चार सांसद भाजपा से हैं जबकि कांग्रेस, राकांपा, लोजपा, राजद और स्वाभिमानी पक्ष से एक-एक सांसद हैं तथा एक सांसद निर्दलीय है।’
रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा 14 सांसदों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास के मामलों की घोषणा की है। उनमें से आठ सांसद भाजपा से हैं। वहीं, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, राजद, शिवसेना और स्वाभिमानी पक्ष के एक-एक सांसद हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 14 मौजूदा सांसदों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के अपने खिलाफ मामले होने की घोषणा की। उनमें से 10 सांसद भाजपा से हैं जबकि टीआरएस, पीएमके, एआईएमआईएम और एआईयूडीएफ के एक-एक सांसद हैं।