जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लेकर मचे घमासान के बीच बुधवार को उतर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। इसमें रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में गठित आयोग में कुल पांच सदस्य को शामिल किया है। रकार की ओर से इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी के निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण का निर्धारण होगा।उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है।
दरअसल इस पूरे मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा कदम उठाया है और बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला सुनाया था।
कोर्ट ने कहा था कि जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक ओबीसी आरक्षण नहीं होगा, सरकार बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवाए। इस पूरे मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच ने मंगलवार को 70 पेजों का अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले में कहा गया है कि ओबीसी आरक्षण को रद्द किया गया था।
दूसरी तरफ योगी सरकार ने साफ कर दिया था कि बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव संपन्न नहीं कराए जाएंगे। सरकार की ओर से इसे लेकर उच्चतम न्यायालय जाने की बात भी कही गयी थी। वहीं अब प्रदेश सरकार ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मद्देनजर पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया गया है।
इस सम्बन्ध में आज प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात द्वारा अधिसूचना निर्गत की गई है। अधिसूचना के अनुसार चोब सिंह वर्मा सेवानिवृत्त आईएएस, महेन्द्र कुमार सेवानिवृत्त आईएएस, संतोष कुमार विश्वकर्मा भूतपूर्व अपर विधि परामर्शी तथा बृजेश कुमार सोनी पूर्व अपर विधि परामर्शी एवं अ.जिला जज को आयोग का सदस्य नामित किया गया है। अधिसूचना के अनुसार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति पदधारण की तिथि से 06 माह की अवधि के लिए की गई है। अध्यक्ष एवं सदस्यों के मानदेय, भत्तों एवं अन्य सुविधाओं के सम्बन्ध में पृथक से आदेश निर्गत किए जाएंगे।