जुबिली स्पेशल डेस्क
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को लेकर अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक एक्शन ले लिया है। बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच कठोर निर्णय लिए हैं।
ये भी पढ़ें-पहलगाम आतंकी हमले पर मल्लिकार्जुन खरगे का बयान, जानें क्या कहा

बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने प्रेस कांफ्रेंस में इन फैसलों की जानकारी दी
1. ऑटारी बॉर्डर चेक पोस्ट पर रोक
भारत और पाकिस्तान के बीच ऑटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इससे दोनों देशों के बीच सीमित आवाजाही भी पूरी तरह रुक जाएगी।
2. इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास बंद
भारत ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित अपना राजनयिक मिशन बंद करने का ऐलान कर दिया है। यह निर्णय दोनों देशों के रिश्तों में अभूतपूर्व गिरावट का संकेत है।
3. इंडस वॉटर ट्रीटी पर रोक
भारत ने इंडस जल संधि को स्थगित करने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान की जल आपूर्ति व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
4. पाकिस्तानी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश
भारत सरकार ने भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश जारी किया है।
5. पाकिस्तानियों के लिए वीजा पर रोक
अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत का वीजा जारी नहीं किया जाएगा। यह फैसला स्थायी या अनिश्चितकालीन रूप से लागू रह सकता है।
22 अप्रैल को आतंकियों ने बैसारन घाटी में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाकर 30 से अधिक लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन TRF ने ली थी। इन कड़े फैसलों से यह साफ हो गया है कि भारत अब आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ को पूरी मजबूती से लागू कर रहा है। विदेश सचिव मिस्त्री ने स्पष्ट किया। “आतंकवाद को संरक्षण देने वालों के लिए भारत के दरवाज़े अब हमेशा के लिए बंद हैं।