न्यूज़ डेस्क
बैंकिंग क्षेत्र के लोक प्रहरी (ओम्बुड्समैन) को जून, 2018 में समाप्त साल के दौरान ग्राहकों की ओर से 1.63 लाख शिकायतें मिलीं, जो इससे पिछले साल की तुलना में करीब 25 प्रतिशत अधिक हैं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें अनुचित व्यवहार से संबंधित हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी।
डिजिटल लेनदेन से ग्राहकों को सहूलियत भले ही मिली हो, लेकिन बैंकों के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतें बढ़ती ही जा रही हैं। पिछले एक साल में बैंकों के खिलाफ शिकायतें 25 फीसदी बढ़ गई हैं।
सबसे अधिक 47,000 शिकायतें देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खिलाफ मिलीं। वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों में सबसे अधिक 12,000 शिकायतें एचडीएफसी बैंक के खिलाफ मिलीं। अमेरिकी बैंक सिटी बैंक के खिलाफ 1,450 शिकायतें मिलीं।
बैंकिंग क्षेत्र के लोकपाल के मुताबिक, जून 2018 में समाप्त साल के दौरान ग्राहकों की ओर से 1.63 लाख शिकायतें मिलीं जो इससे पिछले साल की तुलना में करीब 25 प्रतिशत अधिक हैं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें अनुचित व्यवहार से संबंधित हैं।
रिजर्व बैंक के अनुसार समीक्षाधीन वर्ष के दौरान 21 बैंकिंग लोक प्रहरी कार्यालयों को 1,63,590 शिकायतें मिलीं, जो इससे पिछले साल मिली शिकायतों की तुलना में 24.9 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल मिली शिकायतों की तुलना में 24.9 प्रतिशत अधिक है। इनमें से 96 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा हुआ।
दर्ज हुई शिकायतें
- एसबीआई (SBI) : 47000
- एचडीएफसी (HDFC) : 12000
- सिटी बैंक (Citi Bank): 1450
- इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank): 1727
- बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB): 7106
- एक्सिस बैंक (Axis Bank): 8151
- आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank): 10465
ये रही खास शिकायतें
पेंशन में परेशानी, बिना सूचना के शुल्क लगाने, लोन, गलत जानकारी देकर उत्पाद की बिक्री जैसी शिकायतें ज्यादा रहीं। शिकायतों में 22.1 फीसदी अनुचित व्यवहार, 15.1 फीसदी एटीएम और डेबिट कार्ड और 7.7 फीसदी क्रेडिट कार्ड से जुड़ी रहीं।
जबकि मोबाइल और इलेक्ट्रानिक बैंकिंग को लेकर 5.2 फीसदी शिकायतें दर्ज की गईं। रिजर्व बैंक ने शिकायतों के लिए 14440 नाम की मिस कॉल सुविधा भी शुरू की।