जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले साल कोरोना के बढ़ते मामले देखते हुए तिहाड़ जेल से कुछ कैदियों को परोल पर रिहा किया गया था। कैदियों को रिहा करने का मकसद था जेल में किसी तरह की महामारी के फैलाव को रोकना था।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने अधिकतर विचाराधीन कैदियों को परोल दे दी थी। इस मामले में अब पता चला है कि पिछले साल जिन 6740 कैदियों को रिहा किया गया, उनमें से 3468 लोगों का रिकॉर्ड जेल अधिकारियों के पास नहीं है। मतलब ये कैदी लापता हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि जो कैदी छोड़े गए थे, उनमें से कई एचआईवी, कैंसर, किडनी की बीमारी, हेपटाइटिस बी या सी, दमा और टीबी के मरीज थे। इन्हें महामारी के कारण जेलों की भीड़ कम करने के लिए छोड़ा गया था।
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वहीं सूत्रों का कहना है कि जिन कैदियों को जेलों से रिहा किया गया, उनमें से 1184 दोषी पाए जा चुके थे और वे तिहाड़ के अलावा मंडोली और रोहिणी जेल से भी रिहा किए गए थे।
जेल के सूत्र के अनुसार, कैदियों को पहले आठ हफ्तों के लिए रिहा किया गया था, लेकिन उनके परोल के समय को महामारी की स्थिति के हिसाब से समय-समय पर बढ़ाया गया।
बाद में इन कैदियों को सरेंडर करने के लिए 7 फरवरी से 6 मार्च तक का समय दिया गया, लेकिन इन 1184 कैदियों में 112 लापता पाए गए हैं। जब जेल अधिकारी उनके परिवार से मिलने गए, तो उन्हें बताया गया कि कैदी घर पर मौजूद नहीं हैं।
इसके अलावा तिहाड़ जेल से जो 5556 विचाराधीन कैदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए थे, उनमें सिर्फ 2200 ही लौटे हैं। उनके सरेंडर की यह प्रक्रिया इस साल 6 मार्च को शुरू हुई और उन्हें मार्च के अंत तक सरेंडर करने के लिए कहा गया।
मालूम हो कि शीर्ष अदालत ने कोरोना महामारी को देखते हुए पिछले साल मार्च में ही कुछ कैदियों को जेल से निकालने की सलाह दी थी, ताकि जेलों को खाली किया जा सके।
इसके बाद सभी राज्यों ने इस पर अमल करने के लिए कई हाई-पावर्ड कमेटी बनाईं। राज्यों ने कैदियों को जमानत पर 30 से 60 दिन के लिए रिहा भी कर दिया था।
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वहीं लापता कैदियों के सवाल पर डीजी गोयल ने कहा कि जिन कैदियों ने भी सरेंडर नहीं किया है, उनकी लिस्ट दिल्ली पुलिस को दे दी गई है। कुछ विचाराधीन कैदी अभी सरेंडर कर रहे हैं और कुछ को अदालतों से नियमित जमानत मिल गई है, जिसका पता लगाया जा रहा है।
तिहाड़ जेल के अधिकारियों की तरफ से जो आंकड़े मुहैया कराए गए हैं, उसके अनुसार जेल में अब तक कैदियों में ही 67 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा जेल के 11 स्टाफ सदस्य भी पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें एक जेल सुपरिटेंडेंट और दो डॉक्टर शामिल हैं।
मालूम हो कि तिहाड़ दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है, जिसकी क्षमता 10,026 कैदियों को रखने की है। मौजूदा समय में तिहाड़ में 20 हजार कैदी रखे जाते हैं। अब तक यहां कुल 174 कैदी और 300 स्टाफ सदस्य पॉजिटिव मिल चुके हैं।