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अलविदा कॉमरेड सीताराम येचुरी, उनसे जुड़ी अहम बातें

  • जन्म की तारीख और समय: 12 अगस्त 1952, चेन्नई
  • शिक्षा: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (1975), ज़्यादा
  • पत्नी: सीमा चिश्ती येचुरी
  • दल: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
  • किताबें: भारत निर्माण की चुनौतियां, भारतीय गणतंत्र, चुनौतियां और समाधान
  • बच्चे: आशीष येचुरी, अखिला येचुरी
  • माता-पिता: कल्पकम येचुरी, सर्वेश्वर सोमयाजुल येचुरी

जुबिली स्पेशल डेस्क

सीपीआई एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। दिल्ली के एम्स में उन्होंने अपनी जिदंगी की अंतिम सांस ली।

एम्स से मिली जानकारी के अनुसार येचुरी को एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन था। इसके चलते उनका मर्ज बढ़ गया था और फिर इस वजह से निमोनिया हो गया था।

येचुरी को काफी तेज बुखार था। आनन-फानन में 19 अगस्त को एम्स के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था। आईसीयू में भर्ती कराने के बाद उनकी हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा था। निमोनिया के चलते उनकी हालत और खराब हो गई थी और इस वजह से उनका आज निधन हो गया।

सीताराम येचुरी पर एक नजर

सीताराम येचुरी का जन्म 1952 में मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम में इंजीनियर के तौर पर काम करते थे जबकि उनकी मां कल्पकम येचुरी सरकारी अधिकारी थीं।

सीताराम येचुरी सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की। बता दें कि उनके बेटे आशीष का 2021 में निधन हो चुका था। बेटी अखिला एडिनबर्ग और सेंट एंड्रयूज यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं।

सियासी सफर पर एक नजर

सीताराम येचुरी एक ऐसे नेता था जिसकी तारीफ विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों किया करते थे। 2005 में वह पहली बार पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सदस्य बने।

वह राज्यसभा में 18 अगस्त 2017 तक रहे। संसद में रहकर जनता के हक की आवाज उन्होंने हमेशा उठायी। साल 2008 परमाणु समझौता आपको याद होगा जब उन्होंने मनमोहन सिंह इस डील को लेकर सीपीएम की कई शर्तें मानने को तैयार हो गए, लेकिन तत्कालीन सीपीएम महासचिव प्रकाश करात मानने को तैयार हुए।

इतना ही नहीं 8 जुलाई 2008 को प्रकाश करात ने मनमोहन सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। सीताराम येचुरी राजनेता के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री और पत्रकार और लेखक के तौर पर अपनी अलग पहचान बनायी थी। उन्होंने इस दौरान कई किताबों को लिखीं है।

जिनमें ‘लेफ्ट हैंड ड्राइव’, ‘यह हिन्?दू राष्?ट्र क्?या है’, ‘घृणा की राजनीति’ (हिन्दी में), ’21वीं सदी का समाजवाद’ जैसी किताबें शामिल हैं. उन्होंने ‘डायरी ऑफ फ्रीडम मूवमेंट’, ‘द ग्रेट रीवोल्ट : अ लेफ्ट अप्रेज़ल’ और ‘ग्लोबल इकोनॉमिक क्राइसिस -अ मार्कसिस्ट पर्सपेक्टिव’ का संपादन भी किया था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीताराम येचुरी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। वो अनुभवी सांसद थे। उनका निधन देश की राजनीति के लिए बड़ी क्षति हैमैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।

  • 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया में शामिल हुए
  • 1975 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बने
  • उन्होंने जेएनयू में वामपंथी विचारधारा को बढ़ावा दिया.
  • 1977 से 1978 तक जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे
  • छात्र संघ के अध्यक्ष रहते हुए पार्टी में कई पदों पर काम किया
  • 1978 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त-संपादक बने.
  • 1984 में CPIM की केंद्रीय समिति में शामिल हुए.
  • 19 अप्रैल 2015 को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने.
  • 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला.
  • येचुरी 12 साल तक राज्यसभा के सदस्य रहे.
  • वो 2005 में संसद के उच्च सदन के लिए चुने गए और 2017 तक सांसद रहे.
  • पार्टी में युवाओं को आगे बढ़ाने में उनका काफी योगदान रहा.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए पोस्ट में राहुल ने लिखा,सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। वो देश के विचारों के रक्षकऔर देश की गहरी समझ रखने वाले व्यक्ति थे। हम लोग लंबी चर्चा किया करते थे. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना।

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