जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक पर गंभीर आरोप लगा है। मलिक की गिरफ्तारी के तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने कहा कि उन्होंने सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 300 करोड़ के प्लॉट महज कुछ लाख में खरीदी।
मलिक ने जो जमीन खरीदी है वह डी-गैंग द्वार सताए गए मुनीरा प्लम्बर की थी। ईडी का आरोप है कि इस कंपनी का मालिकाना हक नवाब मलिक के परिवार के पास है।
जांच एजेंसी ने यह भी कहा है कि इसका नियंत्रण हसीना पारकर सहित डी-गैंग के सदस्यों के पास भी था।
मुनीरा प्लम्बर ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा कि मुंबई के कुर्ला में लगभग 3 एकड़ (गोवाला कंपाउंड के रूप में जाना जाता है) में फैला यह प्लॉट उसका था।
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मुनीरा ने कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह संपत्ति दाऊद के गिरोह के सदस्य सलीम पटेल द्वारा किसी तीसरे पक्ष को बेची गई थी। उसने 18 जुलाई 2003 को संपत्ति की किरायेदारी हस्तांतरण के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।
मुनीरा ने डी कंपनी को दिए थे 5 लाख
मुनीरा प्लंंबर ने आगे आरोप लगाया, “उसने सलीम पटेल को 5 लाख रुपये का भुगतान किया था। इसके एवज में उसने जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले बदमाशों से सभी अतिक्रमणों को हटाने, सभी विवादों को दूर करने और किरायेदारों के अवैध कब्जे को रद्द करने का वादा किया था। उसने कभी भी सलीम पटेल को उक्त संपत्ति बेचने के लिए अधिकृत नहीं किया था।”
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार मुनीरा ने अपने बयान में आरोप लगाया कि सलीम पटेल ने अवैध रूप से संपत्ति बेची और संपत्ति को तीसरे पक्ष को सौंप दिया।
वहीं इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर मुनीरा ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें पता चला कि सलीम पटेल का संबंध अंडरवर्ल्ड से है। इसलिए उसने प्राथमिकी दर्ज नहीं की या किराए के भुगतान या अतिक्रमण और अन्य मुद्दों से संबंधित मामले को आगे नहीं बढ़ाया। उसे अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा महसूस हो रहा था।
फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन खरीदी
ईडी ने आरोप लगाया है कि सलीम पटेल ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर फर्जी तरीके से जमीन खरीदी थी। मुनीरा ने ईडी को यह भी बताया कि उन्हें इस संपत्ति की बिक्री के बारे में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए 2021 में पता चला था। दिलचस्प बात यह है कि मुनीरा को सरकारी अधिकारियों से पत्र भी मिल रहे थे, जिसके कारण उन्हें यह विश्वास हो गया था कि वह उस संपत्ति की कानूनी मालिक हैं।
मुंबई बम धमाके का दोषी का शाहवाली खान
वहीं ईडी ने यह भी दावा किया कि दस्तावेजों को खंगालने के दौरान उन्हें एक सरदार शाहवाली खान का नाम मिला, जिसने जमीन की बिक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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शाहवाली खान 1993 के बॉम्बे बम विस्फोट मामले के दोषियों में से एक है। वर्तमान में वह टाडा और मकोका के तहत औरंगाबाद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
न्यायिक हिरासत में ईडी के सामने अपने बयान के दौरान सरदार खान ने खुलासा किया कि वह हसीना पार्कर (दाऊद इब्राहिम की बहन) और टाइगर मेमन के साथ जावेद चिकना नाम के संपर्क में था।
सलीम पटेल के दाऊद के बहन से रिश्ते
ईडी के अनुसार, सरदार शाहवली खान ने आगे कहा कि सलीम हसीना आपा का करीबी सहयोगी था। वह हसीना आपा के अंगरक्षक सह ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था। उसे बाद में पता चला कि इस संपत्ति के संबंध में हर निर्णय सलीम पटेल ने हसीना आपा के निर्देश पर लिया था।
दरअसल, इस संपत्ति की असली मालिक हसीना आपा ही थी। इस संपत्ति के साथ कई विवाद थे। जैसे कि अवैध अतिक्रमण और अनियमित किराए का भुगतान आदि। इसके अलावा भूमि-हथियाने वाले कई माफियाओं की भी इस संपत्ति पर नजर थी।
नवाब मलिक के भाई ने जमीन खरीदने से रोका
ईडी ने आगे बताया, “नवाब मलिक इस किराएदार संपत्ति में जाने की कोशिश कर रहे थे। इसे “कुर्ला जनरल स्टोर” के नाम से जाना जाता था। यह स्टोर उस समय बंद था और गोवावाला कंपाउंड में स्थित था। रहमान खान ने उन्हें रोकने की कोशिश की। ऐसा करने पर नवाब मलिक से उन्हें धमकियां मिलीं। बाद में नवाब मलिक ने अपने भाई असलम मलिक के माध्यम से इस संपत्ति पर कब्जा कर लिया।”
दाऊद की बहन से नवाब मलिक के संबंध
ईडी के मुताबिक सरदार शाहवली खान ने यह भी आरोप लगाया कि नवाब मलिक और हसीना पारकर दोनों संपत्ति के बड़े हिस्से को हथियाने की कोशिश कर रहे थे।
एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इस किराए की संपत्ति को खरीदने के लिए सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स के नाम से एक कंपनी का इस्तेमाल किया। कंपनी का नियंत्रण नवाब मलिक के पास है।
ईडी के अनुसार इस मसले को सुलझाने के लिए मलिक, असलम मलिक और हसीना पारकर के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं। सरदार खान ने दावा किया कि वह भी कम से कम एक दो बैठकों के लिए उपस्थित थे।
नवाब मलिक ने हसीना पारकर को दिए थे 55 लाख
हसीना पारकर और नवाब मलिक एक समझौते पर पहुंचे कि सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स की लीज पर ली गई संपत्ति को सलीम पटेल को दिए गए पावर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग करके स्वामित्व में परिवर्तित किया जाएगा। इसके बदले में हसीना पारकर सलीम पटेल के माध्यम से बाकी संपत्तियों की मालिक होंगी। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि नवाब मलिक ने हसीना पारकर को 55 लाख रुपये नकद में दिए थे।