न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश की तीन बड़ी सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के मर्जर यानी विलय पर कैबिनेट की बैठक में फैसला हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को मिलाकर एक कंपनी बनाएगी। इस मर्जर के बाद यह देश की सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस कंपनी बन जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर हाल में कैबिनेट नोट जारी किया था। आपको बता दें कि प्रीमियम के हिसाब से तीनों कंपनियों को मिलाकर 25 फीसदी प्रीमियम का हिस्सा सिर्फ तीनों कंपनियों के हिस्से से आता है।
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एक्सपर्ट्स की माने तो इस फैसले से ग्राहकों पर खास असर नहीं होगा। उनकी पॉलिसी पर मिलने वाले फायदे वैसे ही बरकरार रहेंगे। साथ ही कुछ और अन्य सुविधाएं उनको मिल सकती हैं।
मान लीजिए अगर नेशनल इंश्योरेंस कंपनी बीमे के साथ कोई सुविधा देती है तो मर्जर के बाद यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के ग्राहकों को भी उसका फायदा मिलेगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्मचारियों पर भी इसका खास असर नहीं होगा क्योंकि, सरकार ने साफ किया हैं कि ब्रांच घटाने की कोई योजना नहीं है।
मर्जर के बाद बनेगी देश की सबसे बड़ी जनरल इंश्योरेंस कंपनी, इन कंपनियों के पास संयुक्त रूप से 9,243 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है। कर्मचारियों की संख्या 44,000 है जो देशभर में स्थित 6,000 से अधिक कार्यालयों में काम कर रहे हैं।
विलय के बाद बनने वाली संयुक्त इकाई देश की सबसे बड़ी गैर-जीवन बीमा कंपनी होगी, जिसका मूल्य 1.25 से 1.5 लाख करोड़ रुपए होगा। 200 से अधिक इंश्योरेंस प्रोडक्ट- तीनों सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के बाजार में 200 से अधिक इंश्योरेंस प्रोडक्ट हैं। इनकी बाजार हिस्सेदारी करीब 35 फीसदी है।
सरकारी साधारण बीमा कंपनियों के पास तकरीबन 8,000 शाखाएं हैं। तीनों कंपनियों के मर्जर के साथ ही सरकार उन तीनों कंपनियों को मर्जर के वक्त करीब 12,500 करोड़ रुपए देगी। ये रकम इन तीनों को रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने के लिए होगी।
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