न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर में संचार माध्यमों पर से प्रतिबंध हटाने की मांग कई महीनों से की जा रही है। फिलहाल सरकार ने पांच माह से अधिक समय से बंद रहने के बाद शनिवार को कश्मीर घाटी में पोस्टपेड के साथ प्रीपेड फोन पर 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई।
2जी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की इस बहाली से जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा मंजूर 301 वेबसाइटों तक ही लोगों की पहुंच हो सकेगी। सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में ऐसा कहा गया है।
हालांकि कश्मीर में अभी कई प्रमुख प्रतिबंध बने हुए हैं। गृह विभाग के एक आदेश के अनुसार, नेटवर्क कनेक्टिविटी अभी भी धीमी रफ्तार की 2 जी गति तक ही सीमित रहेगी और केवल उन वेबसाइटों को ही अनुमति दी जाएगी, जिन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित व्हाइटलिस्ट में शामिल किया गया है।
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18 जनवरी को सार्वजनिक की गई इस व्हाइटलिस्ट का दायरा बढ़ाते हुए अब इसमें सर्च इंजन और समाचार पोर्टल तक पहुंच की अनुमति दी गई है।
जिन साइटों को मंजूरी दी गई है उनमें सर्च इंजन और बैंकिंग, शिक्षा, समाचार, यात्रा, सुविधाएं और रोजगार से संबंधित हैं। इसके अलावा जिन 150 से अधिक नई वेबसाइटों को व्हाइट-लिस्ट में जोड़ा गया है, उनमें 50 से अधिक समाचार वेबसाइटें भी शामिल हैं। ये वेबसाइटें इस सूची के पहले संस्करण में मौजूद नहीं थीं।
जिन समाचार संगठनों को व्हाइटलिस्ट किया गया है, उनमें सीएनएन, द न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉल स्ट्रीट जर्नल, वाशिंगटन पोस्ट, द वायर शामिल हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी के अपने एक बेहद महत्वपूर्ण फैसले में जम्मू कश्मीर प्रशासन को आदेश दिया था कि वे एक हफ्ते के भीतर सभी प्रतिबंध आदेशों पर पुनर्विचार करें। ये प्रतिबंध पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से लगाए गए थे।
जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और संचार सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी विशेष अवधि और अनिश्चित काल के लिए इंटरनेट बैन करना दूरसंचार नियमों का उल्लंघन है।
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