जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोविड संक्रमित मरीजों के लिए प्रदेश में ऑक्सीजन की अब कोई कमी नहीं होगी। औद्योगिक इकाइयों में उत्पादित ऑक्सीजन का इस्तेमाल केवल मेडिकल जरूरतों में करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एमएसएमई विभाग ने कारगर कदम उठाए हैं।
30 जिलों में स्थापित 90 एमएसएमई इकाइयों को उनके निकटवर्ती 285 अस्पतालों से सीधे जोड़ दिया गया है। अब इन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
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लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों में ऑक्सीजन उत्पादन और सप्लाई चेन व्यवस्था की समीक्षा की थी। वर्चुअल माध्यम से हुई इस बैठक में अनेक विभागीय अधिकारी और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही।
विभागीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि औद्योगिक इकाइयों की अनिवार्य जरूरतों को छोड़ शेष उत्पादित ऑक्सीजन केवल मेडिकल जरूरतों के लिए ही इस्तेमाल हो सकेगा। इस व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता के साथ लागू किया जाए।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि ताजा स्थिति के अनुसार आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ, अयोध्या, बाराबंकी, अम्बेडकर नगर, अमेठी, बरेली, बहराइच, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, औरैया, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, शामली, वाराणसी, चंदौली, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, बिजनौर, मेरठ, मुरादाबाद, मीरजापुर, कानपुर देहात, संतकबीरनगर और मऊ सहित कुल 30 जिलों में 90 एमएसएमई इकाइयों को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए इनके निकटवर्ती 285 अस्पतालों से सीधे जोड़ दिया गया है।
इन इकाइयों में उत्पादक भी हैं और रीफिलर भी हैं। इनसे करीब 912.335 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इस व्यवस्था से आगरा, जीबी नगर और गाजियाबाद जैसे कोविड से अति प्रभावित जिलों के अस्पतालों को सर्वाधिक फायदा हो रहा है। सभी 285 अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था सुचारू है।
एसीएस एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि ऑक्सीजन रीफिलिंग के उद्देश्य से सिलिंडरों का अभाव नहीं होगा। अलग- अलग स्रोतों से सिलिंडर एकत्रित किये जा रहे हैं। इस कार्य की हर दिन समीक्षा की जा रही है।
नई इकाइयों की स्थापना को सरकार सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराएगी। नई इकाइयों को लाइसेंस प्रदान करना, पुरानी इकाइयों के नवीनीकरण आदि का कार्य प्राथमिकता के साथ किए जा रहे हैं।
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