न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के चलते दुनिया के 166 देश हलकान है। इस महामारी से निपटने के लिए लोग घरों में कैद होने पर विवश हैं। इससे इंसान तो प्रभावित हैं ही साथ ही दुनिया भर में अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। लोगों की नौकरिया जा रही है और साथ लोगों के समक्ष कई समस्याएं सामने आ रही है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र के अनुसार आने वाले दिनों में कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में 2.5 करोड़ लोगों की नौकरियां छिनने का खतरा है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 की वजह से लगभग ढाई करोड़ नौकरियां खतरे में हैं। साथ ही यह भी कहा है कि यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय स्थापित किया जाए तो इस संकट को कम किया जा सकता है।
18 मार्च को जारी की कई अपनी प्रेस रिलीज में संस्था ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण का असर अभी जताई जा रही आशंकाओं से कहीं ज्यादा खतरनाक होगा और इससे करोंड़ों लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संकट का असर सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाले रिटेल सेक्टर पर ही सबसे ज्यादा पडऩे की आशंका है। रिटेल सेक्टर में 1.1 करोड़ लोगों की नौकरी जा सकती है। इसके अलावा टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में 12 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं। ई-कॉमर्स सेक्टर में ही 20 लाख नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है। इसके अलावा पहले से ही मंदी झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर की कमर ही टूट सकती है और 35 पर्सेंट नौकरियों के जाने की आशंका है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने अपनी रिपोर्ट ‘COVID-19 and world of work: Impacts and responses’ में कहा कि बेरोजगारी को कम करने के लिए तेजी से प्रयास करने की जरूरत है। आईएलओ ने कहा कि इसके लिए तीन कदम उठाए जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं- वर्कप्लेस पर कर्मचारियों को बचाना, अर्थव्यस्था एवं रोजगार के संरक्षण के उपाय और जॉब एवं इनकम को सपोर्ट।
The #COVID19 pandemic isn’t just a global health crisis, it’s also a labour market and economic crisis. The world needs a coordinated response to support jobs and incomes. https://t.co/KZ3ll00TZ3
— International Labour Organization (@ilo) March 19, 2020
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने दुनिया भर की सरकारों और औद्योगिक घरानों से लोगों के रोजगारों को बचाने की अपील की गई है। आईएलओ ने कहा कि शॉर्ट टाइम वर्क, पेड लीव और अन्य सब्सिडी के जरिए लोगों की नौकरियां बचाने की कोशिश होनी चाहिए।
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संगठन के मुताबिक यह स्थिति 2008 में दुनिया भर में आई आर्थिक मंदी से भी विकट होगी। तब 2.2 करोड़ लोगों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा था और इस बार यह आंकड़ा 2.5 करोड़ तक पहुंचने की आशंका है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया के 166 देशों में कोरोना वायरस पहुंच चुका है। दुनिया भर में अब तक इससे 207,860 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8,657 लोगों की मौत हो चुकी है। जिन छह देशों में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए हैं उनमें
चीन, इटली, ईरान, स्पेन, कोरिया और फ्रांस शामिल हैं।
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