न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। जिस दोस्त के बुरे समय में काम आया उसी दोस्त ने उसे बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। गोली मारकर या धारदार हथियार से हत्या करने के बाद पहचान छिपाने के लिए शव को जलाने की कोशिश किया। वहीं आज एसपी गोपेंद्र प्रताप यादव, फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और जांच की।
जिसमें पाया कि शव 80% जल चुका था। कोतवाली प्रभारी राजकुमार शर्मा का कहना है कि नामजद आरोपी से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा। ये मामला यूपी के बागपत से सामने आया है।
ये भी पढ़े: इस भय से लोग मांसाहार से बनाने लगे हैं दूरी
बुजुर्ग पिता श्रीपाल ने बताया कि दूध विक्रेता राकेश और हत्यारोपी संजीव 20 साल से दोस्त थे। दोनों ने कई साल तक खेकड़ा की एक हथकरघा फैक्टरी में साथ ही नौकरी की थी। इस दोस्ती में राकेश उसे रुपये उधार देता गया।
ये भी पढ़े: कोर्ट में रो पड़ीं निर्भया की मां, बोलीं- मेरे अधिकारों का क्या ?
उधार दिए 25 लाख रुपये वापस मांगना दूध विक्रेता राकेश को भारी पड़ गया। पिता का कहना है कि इन्हीं रुपयों को राकेश अपने दोस्त संजीव से वापस मांग रहा था, लेकिन बदले में उसे मार दिया गया। पुलिस संजीव को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ में जुटी है।
यहां तक कि हत्यारोपी को उसके तीन बच्चों को भी ख्याल नहीं आया जो पिता की मौते के बाद अनाथ हो गए। राकेश यादव के दो पुत्र आठ वर्षीय यश, पांच वर्षीय नक्ष और एक छोटी पुत्री है।
राकेश की पहली पत्नी की मृत्यु हो गई थी। दूसरी पत्नी घर छोड़कर जा चुकी है। मां का निधन हो चुका है। अब राकेश की भी हत्या हो गई। उसके तीनों बच्चे अनाथ हो गए। श्रीपाल यादव ने कहा कि वह बुजुर्ग हैं, पता नहीं कब तक और कैसे इन बच्चों की जिम्मेदारी उठा पाएंगे।
ये भी पढ़े: नए चेहरों को मिल सकती है केजरीवाल कैबिनेट में जगह