जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की आठ विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होना है। इन सभी सीटों पर सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष को भी परीक्षा देनी होगी। ये उप चुनाव सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये उप चुनाव सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन चुनावों में मिली हार या जीत राजनीतिक दलों की जमीनी हकीकत बतायेगी कि किस पर जनता का विश्वास बढ़ा है या घटा है।
बीजेपी जहां इन सभी सीटों पर अपनी जीत का परचम फहराने की कोशिश में लगी है तो विपक्षी दलों में खुद को मुख्य मुकाबले में लाने की जुगत में है तो वहीं समाजवादी पार्टी अपने कब्जे वाली दो सीटों को बरकरार रखने के साथ अन्य क्षेत्रों में भी बढ़त लेने के उद्देश्य से मैदान में उतरेगी।
आठ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले बीजेपी-संगठन के साथ प्रदेश सरकार ने भी कमर कस ली है। इसी कड़ी में योगी सरकार ने आठ जिलों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए है। जानकारी के मुताबिक बुलंदशहर, फिरोजाबाद, अमरोहा, रामपुर, उन्नाव, कानपुर, देवरिया, जौनपुर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश जारी किए गए है। बीजेपी के इस मास्टस्ट्रोक के बाद विपक्ष में खलबली मच गई है।
जिन 8 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से दो सीटें ऐसी हैं, जहां अब तक बीजेपी का कमल नहीं खिला है। रामपुर की स्वार सीट और जौनपुर की मल्हनी सीट पर आज तक बीजेपी नहीं जीत पाई है। रामपुर की स्वार सीट से सपा सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम विधायक बने थे, लेकिन बर्थ सर्टिफिकेट फर्जीवाड़े में इलाहबाद हाई कोर्ट ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी।
वहीं, जौनपुर की मल्हनी सीट 2012 में अस्तित्व में आई। इस सीट पर अब तक दो बार चुनाव हुए हैं और दोनों ही बार समाजवादी पार्टी का परचम लहराया। यह सीट सपा विधायक पारसनाथ यादव के निधन से खाली हुई है। अब इन दोनों ही सीटों पर जीत के लिए बीजेपी ने चुनावी मंथन शुरू कर दिया है।
दरअसल, वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उपचुनाव को सेमिफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. बीजेपी के सामने न सिर्फ 2017 में जीती विधानसभा सीटों पर अपना कब्ज़ा बनाए रखने की चुनौती है, बल्कि सपा के कब्जे वाली स्वार और मल्हनी को भी जीतकर लोकप्रियता में बढ़ोतरी का सन्देश देना चाहती है।
उधर, सपा की बात करें तो स्वार और मल्हनी में अपना कब्जा बरकरार रखते हुए बीजेपी के कब्जे वाली कुछ सीटों को भी अपनी झोली में डालकर अखिलेश यादव की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ने के दावे को साबित करना है।
आठ में से जिन 6 सीटों पर 2017 में बीजेपी को जीत हासिल हुई थी, उनमें कुलदीप सिंह सेंगर के रेप मामले में उम्र कैद की सजा होने के बाद जेल जाने से खाली हुई उन्नाव की बांगरमऊ, डॉ. एसपी सिंह बघेल के सांसद बनने से रिक्त हुई फिरोजाबाद की टूंडला, जनमेजय सिंह के निधन से देवरिया, चेतन चौहान के निधन से अमरोहा की नौगांव सादात, कमलरानी वरुण की मृत्यु के कारण कानपुर की घाटमपुर और वीरेंद्र सिंह सिरोही बुलंदशहर सीट रिक्त हुई हैं।
बीजेपी को यूपी की सत्ता में आने के बाद से अब तक यहां 16 सीटों पर उपचुनाव हो चुका है, जिनमें बीजेपी को 11, समाजवादी पार्टी को चार और अपना दल को एक सीट पर जीत मिली।
किन सीटों पर होना है उपचुनाव
1. रामपुर जिले में स्वार,
2. बुलंदशहर जिले में बुलंदशहर सदर
3. जौनपुर जिले में मल्हनी।
4. उन्नाव जिले में बांगरमऊ।
5. कानपुर जिले में घाटमपुर।
6. अमरोहा जिले में नौगवां सादात।
7. फीरोजाबाद जिले में टूंडला।
8. देवरिया जिले में देवरिया सदर।