जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की राजनीति में चुनाव हो या ना हो हलचल हमेशा देखने को मिलता रहता है। चुनाव को लेकर पार्टियों में एक दूसरे से गठबंधन का सिलसिला भी लगातार देखने को मिलता रहता है। दरअसल सभी पार्टियां 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर तैयारियों शुरू कर दी है। ऐसे में सपा के मुखिया अखिलेश यादव भी 2024 को लेकर तैयारियों में जुट गए है। वहीं सपा से सहयोगी दलों के रुठने व साथ छोड़ने की घटनाओं के बीच अखिलेश यादव निश्चिंत दिखाई देते हैं। उनका कहना भी है कि जो दल साथ आएंगे उनके साथ बीजेपी से मुकाबला किया जाएगा। अखिलेश ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ पर सख्त एतराज जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताकर कुछ ऐसे ही संकेत दे दिए हैं।
अखिलेश ने यह बात कह कर दिया ये संकेत
बता दे कि 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था। लंबे समय बाद पहली बार सपा खुलकर सोनिया गांधी के पक्ष में आई है। गुरुवार को अखिलेश यादव ने साफ कहा कि ईडी और सीबीआई का प्रयोग महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी किया गया है। विपक्ष के नेताओं को इन जांच एजेंसियों के माध्यम से परेशान किया जा रहा है। अब तो कांग्रेस की अध्यक्ष को भी ईडी ने बुला लिया है। कांग्रेस की अध्यक्ष को बुलाकर केन्द्र सरकार यह संदेश देना चाह रही है कि जो विरोध में बोलगा उस पर ईडी का इस्तेमाल होगा। भाजपा अब विपक्ष को भी बांटने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। ईडी और सीबीआई के जरिए विपक्ष को बांटकर और डराकर रखना चाहती है।
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गठबंधन की संभावनाए
अखिलेश यादव भी इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ खड़े दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में यह दोनों पार्टी एक बार फिर आपसी विरोध छोड़ कर नजदीक आ सकती है, जिसमें कोई हैरानी की बात नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टी के भाजपा के खिलाफ चुनावी गठबंधन करने की संभावना से भी इनकार नहीं कर रहे। वक्त की जरूरतें दोनों को एक साथ ला सकती हैं। कांग्रेस की स्थिति भी यूपी में बेहाल है। ऐसे में कांग्रेस संग इन सबका गठबंधन बनने की संभावनाएं प्रबल हो सकती हैं।
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