सैय्यद मोहम्मद अब्बास
साल अब खत्म ही हो रहा हैं। ऐसे में नया साल भारतीय खेल जगत के लिए काफी अहम होने जा रहा है। साल 2019 में भारतीय खिलाडिय़ों ने दुनिया जीतने का हौंसला दिखाया है। इस साल क्रिकेट से लेकर बैडमिंटन में भारतीय खिलाडिय़ों ने दमदार प्रदर्शन कर आने वाले साल के लिए उम्मीद की नई किरण जगाई है।
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विराट सेना विश्व कप के सेमी फाइनल में भले ही हार गई हो लेकिन उसने पूरे साल अपना दबदबा कायम रखा। टेस्ट में जीत का डंका बजाया जबकि वन डे क्रिकेट में भी कई टीमों को धूल चटायी।
दूसरी ओर पूरे साल महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की चर्चा भी खूब होती रही। माही ने विश्व कप के बाद से मैदान पर अब तक वापसी नहीं की है।
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हॉकी में भारत ने भले ही चमत्कारी प्रदर्शन नहीं किया हो लेकिन उसने ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया जो शायद बड़ी बात है।
बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने विश्व चैम्पियनशिप में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया और सोना जीतकर पूरे देश को गौरवन्वित किया। वहीं दूसरे खेलों में हेमा दास पूरे साल सुर्खियों में रही है। उनकी रफ्तार इतनी तेज है कि दुनिया के अन्य एथलीट भी उनसे घबराते नजर आ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई पदक अपने नाम किये। ऐसे में उन्होंने ओलम्पिक के लिए पदक की दावेदारी ठोंक डाली है।
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निशानेबाजी और कुश्ती में भारत के लिए 2019 का साल शानदार रहा है। मनु भाकर, सौरभ चौधरी, दिव्यांश सिंह पंवार व मेहुली घोष जैसे निशानेबाजों ने अचूक निशाना लगाया है। अब 2020 साल भारतीय खिलाडिय़ों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
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साल 2020 में होगी भारतीय टीम की असली चुनौती
बीता साल भारतीय खिलाडिय़ों के लिए शानदार रहा है लेकिन नया साल यानी 2020 में टीम इंडिया को सबसे बड़ी चुनौती ऑस्ट्रेलिया से मिलेगी। खुद बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने इसका खुलासा किया है।
उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया को अगले साल उसके घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज में हराना सबसे बड़ी चुनौती होगी। दरअसल चुनौती कड़ी है, क्योंकि आस्ट्रेलियाई टीम में स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की वापसी हो गई है।
इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया में ही टी-20 विश्व कप होना है। नया साल में विराट कोहली पर भी खास नजर होगी क्योंकि वो लगातार बल्ले से धाकड़ खेल दिखा रहे हैं। इसके आलावा जूनियर खिलाडिय़ों के लिए नया साल खास होगा, क्योंकि अंडर-19 विश्व कप में टीम इंडिया जीत का दावा ठोंकेगी।
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टोक्यो ओलम्पिक में भारत का दावा मजबूत
निशानेबाजी, कुश्ती व बैडमिंटन और ऐथलेटिक्स जैसे खेलों में एक बार फिर ओलम्पिक में पदक जीतने का दावा करेगे। जानकारी के मुताबिक अब तक 61 खिलाडिय़ों ने टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया है।
2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 पदक अपने नाम किया था लेकिन रियो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और केवल दो पदक से संतोष करना पड़ा था।
बता दे कि इस खेल में 119 खिलाडिय़ों का भारी-भरकम दल भेजा था लेकिन इस बार भारत बेहतर तैयारी के साथ टोक्यो रवाना होगा। इस बार खेल मंत्रालय ने टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टाप्स) के तहत 2020 ओलंपिक की खिलाडिय़ों की तैयारी के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है।
ये खिलाड़ी जीत से सकते हैं पदक
कुश्ती में पदक की ज्यादा अच्छी संभावना है। दरअसल इस खेल में बजरंग पुनिया लगातार चमक रहे हैं। बजरंग पुनिया इस समय विश्व नम्बर एक पहलवान है। उन्होंने बीते एक वर्ष में नौ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और आठ में सोना जीतकर ओलम्पिक के लिए अपना दावा मजबूत किया है।
पीवी सिंधु भी एक बार फिर ओलम्पिक में पदक जीत सकती है। हालांकि उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। चोट और फॉर्म की वजह से उनका खेल थोड़ा कमजोर पड़ा है लेकिन ओलम्पिक जैसी बड़ी प्रतियोगिता में पदक जीतने का हुनर रखती है।
भाला फेंकने में एक नाम इन दिनों काफी सुर्खियों में है। एक भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में नीरज पदक के लिए जोर लगा देंगे। सबसे रोचक बात यह है कि उन्होंने अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है। ऐसे में ओलम्पिक में उनसे अच्छी-खासी उम्मीदें है।
मीराबाई चानू इस समय अच्छा प्रदर्शन कर रही है। भारोत्तोलन स्पर्धा में उनका नाम अक्सर प्रदर्शन की वजह से सुर्खियों में रहता है। उनके शानदार खेल की वजह से पद्म श्री पुरस्कार व 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने पदक जीत है। ऐसे में वह ओलम्पिक में भी दमदार करने को बेताब है।
निशानेबाजी में भारत के लिए अच्छी संभावना है। 17 वर्षीय खिलाड़ी मनु भाकर उभरती हुई शूटर है। उनका अचूक निशाना अक्सर सोने पर लगता है। 2018 कॉमेनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी मनु की नजर टोक्यो ओलम्पिक पर है।