न्यूज डेस्क
निर्भया के चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता (Pawan Kumar Gupta) की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपराध के वक्त नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी से माफी की मांग की थी।
दोषी की यह याचिका छह जजों की बेंच ने खारिज की है। पवन की इस याचिका के खारिज होने के बाद चारों दोषियों का शुक्रवार सुबह फांसी लगना करीब-करीब तय हो गया है।
बता दें कि दोषी पवन कुमार गुप्ता ने अपनी सुधारात्मक याचिका में तर्क दिया था कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को जब दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, तब वह नाबालिग था।
यहां पर बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों (पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह) पर शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी दी जानी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट इस बाबत डेथ वारंट भी जारी कर चुका है।
वहीं, चारों दोषियों को बचाने के लिए वकील एपी सिंह ने फांसी पर रोक लगाने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है, जिस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की जाएगा। वकील एपी सिंह ने याचिका में तर्क दिया है कि दोषी पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होनी बाकी है और दोषी अक्षय सिंह ने दया याचिका लंबित है, ऐसे में डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए।
इसी के साथ बिहार की औरंगाबाद कोर्ट में भी बृहस्पतिवार को ही अक्षय कुमार सिंह की पत्नी की उस याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसमें उसने कहा है कि वह विधवा होकर मरने के बजाय दोषी अक्षय से तलाक लेगी।