जुबिली न्यूज़ डेस्क
देश में कोरोना जैसी महामारी फैलने के साथ ही लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद सरकार ने कई चीजों में राहत दी थी जिसमें कुछ छूट बैंकों द्वारा भी दी थी जोकि तीन महीनो के लिए ही थी। बैंकों द्वारा दी गई छूट की अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है।इसके बाद से यानी की एक जुलाई से कई बैंकिंग के नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं जिसके बारे में जानना आपके लिए जरुरी है।
इसमें एक जुलाई से एटीएम से कैश निकालने का नियम बदलने जा रहे हैं। तो वहीं Loan Moretorium, बचत खाते में न्यूनतम अमाउंट की सीमा हटाने जैसे चीजें शामिल हैं। ऐसे में ये जान लेना जरुरी है कि किन किन नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं नहीं तो आपको इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सबसे पहले बात करते हैं बचत खाते पर मिलने वाले व्याज की। 1 जुलाई से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बचत खाते पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती करने जा रहा है। बैंक के बचत खाते पर एक जुलाई से अधिकतम 3.25 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा।
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यही नही अगर आपके बचत खाते में 50 लाख रुपए तक के बैलेंस है तो उसपर 3 फीसदी सालाना और 50 लाख से ऊपर के बैलेंस पर 3.25 फीसदी सालाना की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलेगा। पीएनबी से पहले देश का सबसे बड़े बैंक एसबीआई और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी बचत कहते पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की थी।
वहीं कोरोना की वजह से एटीएम से पैसे निकलने पर जो छूट मिली थी वो भी अब ख़त्म होने जा रही है। 1 जुलाई से एटीएम से कैश निकालने के नियम में बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपकी जेब पर बोझ बढ़ाएंगे। एटीएम कैश विड्रॉल 1 जुलाई से आपके लिए महंगा होने जा रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने एटीएम से कैश विड्रॉल करने के लिए सभी ट्रांजैक्शन चार्जेस हटा लिए थे।
सरकार ने तीन महीनों के लिए एटीएम ट्रांजैक्शन फीस हाटकर लोगों को कोरोना संकट के बीच बड़ी राहत दी थी। लेकिन ये छूट सिर्फ तीन महीनों के लिए ही थी जोकि 30 जून 2020 को खत्म हो रही है।
इसके अलावा कोरोना काल के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि किसी भी बैंक में बचत खाते में औसत न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं होगी। यह आदेश जून महीने तक के लिए था। लेकिन अब 30 जून को इस फैसले की भी समय सीमा खत्म होने वाली है और इसका सीधा असर आप पर पड़ेगा।