न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ते जा रहा है। शुक्रवार को 154 नए मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इस तरह अब तक 3945 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 107 मरीज ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं। शुक्रवार को चार मरीजों की मौत हो गई। इस तरह एक्टिव केस 1777 हैं। अब तक 2080 मरीज ठीक हो गए हैं। उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।
इसके अलावा दूसरे राज्यों से श्रमिकों का आना अभी भी जारी है। अब तक दो लाख 62 हजार 638 प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 306 प्रवासी श्रमिकों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं। उन्हें अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया है।
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शुक्रवार को अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों को 21 दिन के होम क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है। इन प्रवासी कामगारों की निगरानी ग्राम और मोहल्ला स्तर पर बनी निगरानी समिति कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि 1871 मरीज आइसोलेशन बेड पर हैं। 9911 क्वारंटाइन में भर्ती हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु एप से 6 हजार लोगों से संपर्क किया गया। इसमें 14 लोग पॉजिटिव पाए गए।
दूसरी ओर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार अब हर पटरी दुकानदार को उदार शर्तों पर दस हजार रुपया देगी। जिससे कि वह अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सके और आत्मनिर्भर बने।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पटरी दुकानदारों के लिए संकटमोचक बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक पैकेज से नगरीय क्षेत्रों में पटरी व रेहड़ी दुकानदारों को सीएम योगी आदित्यनाथ 10-10 हजार रुपये तक लोन देने में युद्धस्तर पर जुटे हैं। प्रदेश में आसानी से लोन दिलाने के लिए मुख्यमंत्री टीम-11 के साथ रणनीति भी बना रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम-11 के साथ कोरोना वायरस संक्रमण की समीक्षा करने के साथ ही आगे की योजना तैयार की। इस दौरान उन्होंने हर विभाग को काम में तेजी लाने का निर्देश भी दिया। प्रदेश सरकार का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के नाते हुए लॉकडाउन की सर्वाधिक मार रेहड़ी, ठेला, खोमचा या पटरी के किनारे अन्य कारोबार करने वालों पर ही पड़ा है।
अब प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इनकी जिंदगी को दुबारा से पटरी पर लाने की मुहिम में जुट गयी है। इस क्रम में जो भी पटरी व्यवसायी चाहेगा सरकार उसे उदार शर्तों पर 10 हजार तक का लोन उपलब्ध कराएगी। सरकार अब तक के लॉकडाउन के दौरान करीब 8.41 लाख पटरी व्यवसायियों को भरण-पोषण भत्ते के रूप में 1000 रूपये और खाद्यान्न उपलब्ध करा चुकी है। ऐसे में उसके पास एक डाटा तैयार है। लिहाजा लोन के लिए पात्रों के चयन और अन्य प्रक्रिया में आसानी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश होने के नाते उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की संख्या भी अधिक है। इसके बाद भी घर वापस आने वाले किसी भी श्रमिक को कोई दिक्कत न हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हम दूसरे प्रदेश में रह रहे अपने प्रदेश के हर श्रमिक को ससम्मान और सुरक्षित लाएंगे।
इसमें मेरी अपील है कि खुद और अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल, दोपहिया वाहन से घर के लिए न चलें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे कामगार और श्रमिक हमारी ताकत और पूंजी हैं। हम इनके श्रम और हुनर का हरसंभव उपयोग कर प्रदेश को देश और दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाएंगे। सबके सुरक्षित वापसी की व्यवस्था में सरकार हर संभव व्यवस्था कर रही है। गुरुवार को 70 ट्रेनें देश के विभिन क्षेत्रों से प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को लेकर उत्तर प्रदेश पहुंची हैं। शुक्रवार को भी 50 से अधिक ट्रेन पहुंचेंगी।
पिछले एक सप्ताह में साढे छह लाख श्रमिक यहां अपने घर आ चुके हैं। इस दौरान पूरे देश के लिए जो 350 ट्रेनें चलायी गयीं उनमें से 60 फीसद की मंजिल उत्तर प्रदेश ही थी। राज्य परिवहन निगम की 10 हजार से अधिक बसें भी लगातार इस काम में लगीं हैं। अब तक देश के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 13 लाख लोग सुरक्षित वापस आ चुके हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रवासी श्रमिक/कामगार के आने के बाद सबके स्वास्थ्य की जांच के लिए क्वारंटीन सेंटर हैं। स्वास्थ्य के बाद सभी स्वस्थ्य व्यक्ति को हजार रुपये भरण-पोषण भत्ते और तय मात्रा में राशन देकर उनको होम क्वारंटीन के लिए घर पहुंचाया जाता है। संदिग्ध को पूरी जांच के लिए वहीं आइसोलेट कर लेते हैं।
कम्यूनिटी किचन के जरिए सरकार रोज करीब 12 से 15 लाख लोगों को भोजन करा रही है। खाना समय से मिले और गुणवत्ता में ठीक हो इस पर खास तौर से ध्यान दिया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ का प्रयास है कि प्रदेश में संकट के दौर में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।