Thursday - 31 October 2024 - 7:06 AM

140 साल पुराना नियम बदला, अब अपने मन का अंडरवेयर पहन पाएंगी महिला खिलाड़ी

जुबिली न्यूज डेस्क

आखिरकार विंबलडन ओपन टेनिस टूर्नामेंट के आयोजकों ने अपना 140 साल से भी ज्यादा पुराना नियम बदल दिया है. महिला खिलाड़ियों की बरसों से चली आ रही मांग को मानते हुए इस नियम को बदल दिया है.  अब महिला खिलाड़ियों के लिए सिर्फ सेफद कपड़े पहनने की पाबंदी नहीं होगी और वे गहरे रंग के अंडरवेयर भी पहन सकती हैं ताकि पीरियड्स के दिनों में उन्हें किसी तरह का डर या आशंका ना रहे.

ऑल इंग्लैंड क्लब की चीफ एग्जेक्यूटिव सैली बोल्टन ने कहा, “खिलाड़ियों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया है कि प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहीं लड़िकयों और महिलाओं के पास रंगीन अंडरवेयर पहनने का विकल्प होगा. हम उम्मीद करते हैं कि इस बदलाव से खिलाड़ियों को किसी भी तरह की चिंता से मुक्ति मिलेगी और वे खेल पर ध्यान दे पाएंगी.”

वैसे ऐसा नहीं है कि पहले खिलाड़ियों ने रंगीन अंडरवेयर नहीं पहने हैं. 2007 में फ्रांस की तातियाना गोलोविन अपनी सफेद ड्रेस के नीचे लाल शॉर्ट्स पहनी थी. हालांकि उस मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे सबसे पहला सवाल इसी बार में पूछा गया था.

क्रीम या ऑफ व्हाइट पहनना भी उल्लंघन

विंबलडन ओपन टेनिस टूर्नामेंट अपनी दशकों पुरानी परंपराओं को कायम रखने के लिए जाना जाता है. सभी खिलाड़ी पूरी तरह सफेद रंग पहनेंगे, यह भी एक सदी पुरानी प्रतियोगिता की एक परंपरा है. 1877 से खिलाड़ियों को मैच के दौरान सिर्फ सफेद कपड़े पहनने की इजाजत रही है. यहां तक कि सफेद रंग के अलग-अलग शेड जैसे क्रीम या ऑफ व्हाइट पहनना भी नियमों का उल्लंघन माना जाता है.लेकिन अब महिलाओं को अपने अंडरवेयर का रंग चुनने की आजादी मिल गई है. इस फैसले के बारे में ऐलान पिछले साल ही हो गया था. हालांकि इसमें यह शर्त रखी गयी है कि अंडरवेयर की लंबाई स्कर्ट या शॉर्ट्स से ज्यादा नहीं हो सकती.

कहने के लिए यह मामूली बदलाव है लेकिन महिला खिलाड़ी और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे अहम बताया है क्योंकि कई खिलाड़ी इस बारे में बोल चुकी थीं कि अगर वे पीरियड्स से गुजर रही हों तो उन्हें सफेद कपड़े पहनने में झिझक होती है और डर लगा रहता है. कई खिलाड़ियों ने कहा था कि वे टूर्नामेंट से पहले दवाएं लेती हैं ताकि मैच के दिनों में उन्हें पीरियड्स ना हों.

इस फैसले का किया स्वागत

इस फैसले का स्वागत करते हुए वॉटसन ने ब्रिटेन के स्काई न्यूज से बातचीत करते हुए कहा, “पिछले साल मैंने दवा ले ली थी ताकि रक्तस्राव ना हो क्योंकि मुझे पता था कि हमें सफेद अंडरशॉर्ट्स ही पहनने होंगे और मैं किसी तरह की शर्मिंदगी नहीं चाहती थी. हम मैदान पर इधर से उधर दौड़-भाग रहे होते हैं. पसीने से भीगे होते हैं. इस साल मुझे फिर पता था कि विंबलडन के दौरान मेरे पीरियड्स होंगे लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि पिछले साल जैसा नहीं करना होगा.

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कई जानकारों ने विंबलडन में बदलव का स्वागत किया है लेकिन कई और जरूरी बातों की ओर ध्यान भी दिलाया है. सदर्न क्वींसलैंड विश्वविद्यालय की खेल विज्ञान की प्रोफेसर डॉ. ब्रियाना लारसन ने मीडिया को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि विंबलडन कई कदम आगे जा सकता था और छोटी स्कर्ट आदि पहनना भी गैरजरूरी कर सकता था.

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