जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में राज्यपाल और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात 102 पुलिसकर्मियों को जल्द ही हटाया जाने वाला है. इन पुलिसकर्मियों की जगह पीएसी, कमिश्नरेट, अलग-अलग जिलों, एसडीआरएफ और विशेष सुरक्षा बल में तैनात आरक्षियों, मुख्य आरक्षियों को चयनित कर इन दोनों जगहों पर लगाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक जिन पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के यहां से हटाया जा रहा है उनमें से अधिकतर फायरिंग और फिटनेस टेस्ट में फेल हुए हैं. इसके साथ ही कुछ अन्य भी वजहें हैं जिस कारण उनके हटाने का निर्णय लिया गया है.
सुरक्षा मुख्यालय की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप गठित कमेटी ने वीआईपी सुरक्षा में वर्षों से तैनात पुलिसकर्मियों को फायरिंग और फिटनेस टेस्ट के लिए कुछ दिनों पहले बुलाया था. जिसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी फायरिंग टेस्ट में असफल रहे थे. इनमें से कुछ को दुबारा परीक्षा देने के लिए भी बुलाया गया था लेकिन पुलिसकर्मियों ने दोबारा टेस्ट देने की जहमत तक नहीं उठाई. इसके बाद अब सुरक्षा मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाते हुए इनको हटाने का मन बनाया है.
इसी कमेटी ने पिछले दिनों वीआईपी सुरक्षा में बदलाव के लिए पीएसी समेत अलग-अलग शाखाओं में कार्यरत आरक्षियों और मुख्य आरक्षियों द्वारा किए गए आवेदन के बाद उनके फिटनेस और फायरिंग टेस्ट के लिए बुलाया गया था. जिसमें कई आरक्षी और मुख्य आरक्षी उत्तीर्ण हुए हैं. जिसके बाद उनका चयन किया गया है और जल्द ही इसमें से जवानों का चयन वीवीआईपी सुरक्षा के लिए किया जायेगा.
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आपको बता दें कि वीवीआईपी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को अधिक वेतन मिलता है. वीवीआईपी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को पहले 12500 हजार रुपए अधिक भत्ता मिलता था, जिसको बढ़ाकर अब ₹25,000 अतिरिक्त भत्ता कर दिया गया है. ऐसे में अब टेस्ट में फेल हो गए पुलिसकर्मियों की जगह इन नए पुलिसकर्मियों की जल्द तैनाती हो सकती है, जिसपर विचार किया जा रहा है.