नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान जामिया नगर इलाके में हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और इनमें कोई भी छात्र नहीं है। साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 2 FIR दर्ज कर दी थी।
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जामिया विरोध के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से एक भी गोली नहीं चलाई गई। हिरासत में लिए गए सभी 10 लोगों की आपराधिक पृष्ठभूमि है। असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है।
इस बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और स्थानीय लोगों का प्रदर्शन पांचवें दिन मंगलवार को भी जारी रहने की बात सामने आ रही है।
केरल में 100 से अधिक लोग हिरासत में लिए गए
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के विरोध के चलते केरल में मंगलवार को लगभग 33 संगठनों द्वारा राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया और इसी के मद्देनजर पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से लगभग सौ लोगों को एहतियातन हिरासत में ले लिया है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने वाले प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों में छुट्टी के आदेश नहीं दिए हैं।
राष्ट्रपति से मिलेगा विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल, शिवसेना हिस्सा नहीं
नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलेगा। लेकिन शिवसेना इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होगी। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। शिवसेना इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं है।
संजय राउत से जब पूछा कि क्या महाराष्ट्र में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया जाएगा। इस पर राउत ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) उस पर कैबिनेट की बैठक में फैसला करेंगे।
बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में जमिया यूनिवर्सिटी में हुए बवाल के बाद देश भर के 22 विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन हो रहा है। गौरतलब है कि रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अराजक तत्वों ने जमकर तांडव मचाया था। उपद्रवियों ने तीन बसों और कुछ अन्य गाड़ियों को फूंक दिया। इतना ही नहीं, आग बुझाने आई दमकल की चार गाड़ियों में से एक को भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके अलावा कई अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई थी। इस हिंसा में पुलिस के 10 और दमकल के 2 कर्मचारी भी जख्मी हुए थे।
पुलिस को शक है कि जामिया के आई कार्ड बनवाकर कुछ लोग प्रदर्शनकारियों में शामिल हुए थे। असली स्टूडेंट्स से कहीं अधिक हिंसा भड़काने में फर्जी छात्रों का हाथ था। हिरासत में लिए गए ऐसे 51 स्टूडेंट्स की पुलिस ने जांच करानी शुरू कर दी है। इनमें से 36 को कालकाजी से और 15 को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके से हिरासत में लिया गया था। ये सभी खुद को जामिया, डीयू के हिंदू कॉलेज और इग्नू के स्टूडेंट होने का दावा कर रहे थे। पुलिस को इनमें से कुछ पर शक है कि उन्होंने जामिया के फर्जी आई कार्ड बनवा रखे थे।
पुलिस और जामिया प्रशासन दोनों का शुरू से कहना है कि हिंसा में छात्रों का कोई हाथ नहीं था। हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे जो आगजनी, तोड़फोड़ के बाद जामिया कैंपस में घुस गए थे। उनको पकड़ने के लिए पुलिस भी शाम को कैंपस में घुस गई। पुलिस पर बिना इजाजत कैंपस में घुसने, स्टूडेंट्स और स्टाफ को पीटने, लाइब्रेरी में तोड़फोड़ करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के भी आरोप लगे थे।