Wednesday - 30 October 2024 - 7:27 AM

#AyodhyaVerdict : सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 महत्वपूर्ण बातें

जुबिली न्यूज़ डेस्क

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपना सुप्रीम फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर फैसला दिया है। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने ये माना है कि देवता एक कानूनी व्यक्ति हैं।

सुबह फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च अदालत ने यह भी माना कि इस बात के सबूत मिले हैं कि हिंदू बाहर पूजा-अर्चना करते थे, तो मुस्लिम भी अंदर नमाज अदा करते थे। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया कि 1857 से पहले ही पूजा होती थी।

1. सुप्रीम कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया। इससे साबित होता है कि मस्जिद को मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया था। इसका सीधा अर्थ यह है कि मस्जिद के नीचे मिला ढांचा गैर इस्लामिक है।

एएसआई ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नीचे मिले ढांचे का इस्तेमाल मस्जिद में भी किया गया। रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया था कि खुदाई में जो अवशेष मिले हैं वहां एक विशाल निर्माण था। कई स्तंभ हैं, जो ईसा पूर्व 200 साल पुराने हैं। पिलर पर भगवान की तस्वीर हैं। मूर्ति भी दिखीं। शिला पट्ट पर संस्कृत की लेखनी है जो 12 वीं सदी की हैं। इसमें राजा गोविंद चंद्र का जिक्र है, जिन्होंने साकेत मंडल पर शासन किया था और उसकी राजधानी अयोध्या थी। इससे साबित होता है कि वहां मस्जिद नहीं थी। जमीन का नक्शा और फोटो कोर्ट ने माने।

2. सुप्रीम कोर्ट ने जमीन के 3 हिस्से किए जाने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सही नहीं मानते हुए संपूर्ण विवादित भूमि को सबूतों के आधार पर राम जन्मभूमि न्यास को दी।

3. कोर्ट के अनुसार 2.77 एकड़ जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दी जाएगी। मंदिर बनाने के लिए राम जन्मभूमि न्यास को मिलेगी जमीन।

4. केन्द्र सरकार को कोर्ट ने मंदिर बनाने के लिए तीन माह में ट्रस्ट बनाने के आदेश दिए। केंद्र सरकार राम मंदिर बनाने के लिए नियम बनाएगी।

5. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि पर निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा खारिज किया।

6. सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड (मुस्लिम पक्ष) को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन केंद्र सरकार को देने का आदेश दिया। मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए जमीन मिलेगी।

7. केंद्र के पास 67.7 एकड़ अधिगृहित जमीन है, उसमें से केंद्र सरकार 5 एकड़ जमीन दे सकती है या अलग से अयोध्या में या सरयू पार जमीन दे सकती है।

8. सुप्रीम कोर्ट ने माना मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी। विवादित ढांचे के नीचे मंदिर होने के सबूत पाए गए, जबकि ईदगाह या इस्लामिक ढांचा होने के सबूत नहीं मिले।

9. हिन्दु्ओं की आस्था है कि अयोध्या में राम का जन्म हुआ था। अदालत में भी किसी पक्ष ने इस बात का विरोध नहीं किया राम का संबंध अयोध्या से नहीं था। यात्रियों के वृत्तांत और पुरातात्विक सबूत भी हिन्दुओं के पक्ष में।

10. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिन्दू पक्ष ने राम से जुड़े ऐतिहासिक ग्रंथों के पक्ष रखे। हिन्दू आस्था गलत होने का कोई प्रमाण नहीं।

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तमाम बातों को बयां करने की कोशिश की है। कोर्ट ने कहा कि मंदिर गिराकर मस्जिद नहीं बनाई गई। हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लीगल कमेटी पूरे जजमेंट को स्टडी करेगी जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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