जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में नामांकन पत्रों की जांच में निर्दलीय उम्मीदवार का पर्चा खारिज होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दस और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है।
निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नामांकन के अंतिम दिन 18 जनवरी को पर्चा दाखिल करने वाले निर्दलीय उम्मीदवार महेश चंद्र शर्मा के पास कोई भी प्रस्तावक न होने से नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया है।
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नाम वापसी की आखिरी तारीख 21 जनवरी के बाद सभी 12 उम्मीदवारों के निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी और 28 जनवरी को होने वाले मतदान की नौबत नहीं आयेगी।
गौरतलब है कि भाजपा के दस प्रत्याशियों ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया था, जिसके करीब घंटे भर बाद निर्दलीय महेश चंद्र शर्मा ने नामांकन कर मुकाबले को दिलचस्प कर दिया।
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कयास लगाये जा रहे थे कि भाजपा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी ने नामांकन कराया है लेकिन भाजपा के एक भी विधायक ने प्रस्तावक पर हस्ताक्षर नहीं किये। निर्दलीय विधायक के नामांकन पत्र में प्रस्तावकों के नाम वाला बॉक्स खाली था और यहीं उनका पर्चा खारिज करने का आधार बना।
भाजपा के उम्मीदवार उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी और हाल ही भाजपा की सदस्यता लेने वाले अरविंद कुमार शर्मा,विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य, कुंवर मानवेंद्र सिंह, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, सलिल विश्नोई, सुरेंद्र चौधरी और धर्मवीर प्रजापति का निर्विरोध चुने जाना तय है जबकि विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सपा के अहमद हसन और पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का निर्वाचन भी तय हो गया है। दोनों ने पिछले शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था।
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