इथियोपियन एयरलाइंस हादसे के बाद बोइंग 737 विमान को लेकर कई सवाल खड़े हो गये हैं। इथियोपियन एयरलाइंस कंपनी के बाद चीन की सरकारी एयरलायंस कंपनी ने भी मैक्स 8 विमानों के उड़ान पर फिलहाल रोक लगा दी है।
पिछले छह महीने के भीतर दूसरी बार हादसे का शिकार हुए बोइंग 737 मैक्स 8 विमान ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। भारत समेत कई देश मैक्स 8 विमानों के उड़ान पर विचार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत में भी जेट एयरवेज और स्पाइस जेट एयरलाइंस इन विमानों का उपयोग करते हैं। आशंका जताई जा रही है कि भारत में भी इन विमानों के उड़ान पर तात्कालिक रोक लगाई जा सकती है।
दुनिया की चिंता यूं नहीं
मैक्स 8 की उड़ान को लेकर दुनिया की चिंता यूं नहीं है। अक्टूबर के अंत में एक लायन एयर बोइंग 737 मैक्स 8 विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त होकर जावा समुद्र में गिर गया था, जिसमें सवार सभी 189 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, अब इथियोपियन एयरलाइंस हादसे के बाद मैक्स 8 और बोइंग कंपनी की तकनीक पर सवाल खड़े हो गए हैं।
5,000 से ज्यादा विमानों का ऑर्डर
बोइंग कंपनी का मुख्यालय शिकागो में है। कंपनी ने हादसे के बाद ट्वीट कर दुख जताया है और कहा है कि वह अपनी तकनीकी टीम को हादसे की जगह पर जांच के लिए भेजेगी। बोइंग 737 विमान एयरलाइन उद्योग के लिए काफी सफल विमान माना जाता रहा है। मैक्स 8 इसका नया संस्करण है जो ईंधन की खपत के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। बोइंग ने करीब 350 मैक्स विमान दुनिया में बेचे हैं और इसके पास 5,000 से ज्यादा विमानों का ऑर्डर है।
पहले भी उठे हैं सवाल
इससे पहले मई 2017 में बोइंग ने इस विमान के परीक्षण उड़ान पर रोक लगा दी थी….इसके इंजन की क्वॉलिटी को लेकर कुछ सवाल उठे थे….विमान का इंजन सीएफएम इंटरनेशनल बनाती है…. जो फ्रांस की साफ्रान एयरक्राफ्ट इंजिन और अमेरिकी की जीई एविएशन का संयुक्त उपक्रम है…..
बोइंग कंपनी का भविष्य इस विमान पर बहुत निर्भर करता है। 2032 तक यह कंपनी के कुल उत्पादन का करीब 64 फीसदी हो जाएगा। कंपनी अब तक बोइंग 737 सीरीज के 10 हजार से ज्यादा विमान बना चुकी है।