जुबिली न्यूज डेस्क
संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले यानी बुधवार को ही खत्म हो गया। दोनों सदनों में बुधवार सुबह की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
मौजूदा शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और इसे 23 दिसंबर तक चलना था, लेकिन यह 22 दिसंबर को ही खत्म हो गया।
बुधवार सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने एक अखबार की खबर का हवाला देकर अयोध्या से संबंधित एक मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन नायडू ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
सभापति नायडू ने खडग़े से कहा कि इस मुद्दे को उठाने के लिए उन्हें नोटिस देना चाहिए था।
वहीं लोकसभा में इस दौरान 18 बैठकें हुईं और सदन का कार्य निष्पादन 82 प्रतिशत रहा। इसके अलावा व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय व्यर्थ गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ”यह सत्र 29 नवंबर से शुरू हुआ और इस दौरान कुल 18 बैठकें हुई जो 83 घंटे 12 मिनट तक चलीं।”
बिड़ला ने बताया कि सत्र के आरंभ में सदन के तीन सदस्यों ने 29 और 30 नवंबर को शपथ ली। उन्होंने कहा कि इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी कार्य निपटाये गए और इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किये गए और 9 विधेयक पारित हुए।
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सत्र के दौरान कृषि विधि निरसन विधेयक 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक 2021 और निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक 2021 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये गए।
20 दिसंबर को वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा हुई।
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सत्र के दौरान 91 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए और 20 दिसंबर को 20 तारांकित प्रश्नों की सूची को कवर किया गया। शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 563 मामलों को सदस्यों ने उठाया।