न्यूज डेस्क
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की अलोचना करने के लिए जाना जाता है। वह अक्सर मोदी सरकार को नसीहत देते रहते हैं। इसकी वजह से वह अक्सर चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर राजन ने मोदी सरकार को नसीहत दी है।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि सरकार को विशेषज्ञों की सलाह का फायदा मिलेगा और इसलिए हर आलोचना को दबाना उसके लिए ठीक नहीं है। किंग कॉलेज लंदन में एक कार्यक्रम में रघुराम राजन धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे के कदमों के बारे में चर्चा कर रहे थे।
पूर्व गर्वनर राजन ने कहा, ‘जो समस्याएं हैं…उनमें एक ये है, मैंने इस पर बहुत दृढ़ता से कहा है कि आलोचना को दबाने का मतलब है कि आप प्रतिक्रिया नहीं सुनते हैं और, अगर आप प्रतिक्रिया नहीं सुनते हैं तो आप उचित समय पर सही कदम नहीं उठा सकते।’
रघुराम राजन ने आगे कहा, ‘सभी आलोचकों से कहना है कि सरकार की आलोचना ना करें, मुझे लगता है कि ये सरकार के लिए बुरा है। हो सकता है कि हर कोई आपकी प्रशंसा करे और यह कहे कि आप दूसरे मसीहा हैं, लेकिन इससे उस तरह की चेतना नहीं पैदा होने वाली जैसा कि आप सरकार के भीतर चाहते हैं।’
इस दौरान राजन ने आरबीआई के अपने कार्यकाल के दौरान पैदा स्थिति का उदाहरण दिया जब उन्हें निजी क्षेत्र की आलोचना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से उन्हें सुधारवादी कदम उठाने में सहायता मिली।
रघुराम राजन का कहना था, ‘मुझे उम्मीद है कि सरकार सुनेगी और देखेगी कि उसे क्या करना चाहिए। भारत में बहुत सारे अर्थशास्त्री और बुद्धिमान लोग हैं जो सलाह दे सकते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण ये है कि सरकार उस सलाह को अपनाए और उस पर विचार-विमर्श और कार्रवाई करे।’
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