पॉलिटिकल डेस्क। देश में सत्रहवें लोकसभा के लिए चुनावों की तारीख का ऐलान रविवार को कर दिया गया है। इसके बाद देश के राजनीति दल इस चुनावी जंग को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार है लेकिन तारीख को लेकर मुस्लिम समाज में थोड़ी हलचल पैदा हो गई है। सात चरणों में 543 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 41 सीटों पर मतदान की तारीख माह ए रमजान में पड़ रही है।
मुस्लिम नेताओं ने खुलकर जताया विरोध
इसके बाद कई मुस्लिम नेताओं ने इसको लेकर खुलकर अपना विरोध दर्ज कराया है। उनका तर्क है कि रोजेदारों को मतदान करने में परेशानी हो सकती है। इसको लेकर कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हाकिम और ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इसपर कड़ा विरोध जताया है लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने साफ कर दिया है कि इस मामले में कोई राजनीति न की जाये। ओवैसी ने कहा है कि रमजान के दौरान चुनाव का वह स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमान रोजा भी रखेंगे और वोट भी डालेंगे।
ओवैसी को इससे नहीं पड़ता है कोई फर्क
उन्होंने कहा कि चांद दिखने के बाद रमजान पांच मई से होगा। इसके बाद ईद चार या पांच जून को मनायी जायेगी। रमजान से पहले चुनावी प्रॉसेस खत्म नहीं किया जा सकता और ईद के बाद चुनाव नहीं हो सकते। उन्होंने चुनाव आयोग का साथ देते हुए कहा कि यह बात हर किसी को समझने की जरूरत है।
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बिना वजह इस पर राजनीति न की जाए। कुल मिलाकर 41 सीटों पर मतदान की तारीख माह ए रमजान में पड़ को लेकर अब घमासान देखने को मिल रहा है। उधर इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग ने भी अपनी सफाई देते हुए कहा कि शुक्रवार और त्योहार के दिन वोटिंग नहीं होगी।