जुबिली न्यूज डेस्क
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में देश-विदेश से लोग स्नान के लिए आ रहे हैं. इसमें देशभर के साधु-संत भी पहुंचे हैं. वहीं पिछले दिनों जब ये खबर आई कि एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है, तो लोग चौंक गए कि ऐसा क्यों और कैसे हो सकता है. साधु-संतों का तो ये अहम सवाल है. ममता के महामंडलेश्वर बनने पर सभी संत लगातार आपत्ति जता रहे हैं. इसी क्रम में बागेश्वर बाबा यानी धीरेन्द्र शास्त्री का भी बयान आ गया है. उन्होंने भी इसपर नाराजगी जताई है.
धीरेन्द्र शास्त्री रविवार को महाकुंभ में पहुंचे थे. यहां उन्होंने पवित्र संगम में डुबकी लगाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरीके का टाइटल केवल सच्ची आत्मा वाले संत को ही दिया जाना चाहिए.
धीरेन्द्र शास्त्री ने कही ये बात
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा, “किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी संत या महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है? हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं.” इससे पहले ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी ने भी ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई. मीडिया को दिए एक स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, “किन्नर अखाड़ा ने ऐसा सिर्फ पब्लिसिटी के लिए किया है. समाज को उनका पास्ट अच्छे से पता है. अचानक से वो भारत में आती हैं और महाकुंभ में चली आती हैं और उनको महामंडलेश्वर का पद दे दिया जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए.”
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बाबा रामदेव ने भी जताई आपत्ति
वहीं योग गुरु बाबा रामदेव भी इस पर कड़ी आपत्ति जता चुके हैं. उनका भी यही कहना है कि किसी को भी उठाकर महामंडलेश्वर बना दिया जा रहा है. बाबा रामदेव ने कहा, “एक दिन में कोई संत नहीं बन जाता है, इसके लिए कई वर्षों की साधना लगती है. हम लोगों को इस साधुता को पाने में 50-50 सालों का तप लगा है, इसको संतत्व कहते हैं. साधु होना बहुत बड़ी बात है. महामंडलेश्वर तो बहुत बड़ा तत्व है. आजकल मैं देख रहा हूं कि किसी की भी मुंडी पकड़कर महामंडलेश्वर बना दिया जा रहा, ऐसा नहीं होना चाहिए.”