जुबिली न्यूज डेस्क
ऐसा माना जाता है कि 12 वर्ष तक के बच्चों पर चन्द्रमा का प्रभाव होता है। जब चन्द्रमा की स्थिति अनुकूल नहीं होती तो बच्चा अपनी चंचलता के कारण अक्सर स्वयं को चोट लगा लेता है। ऐसे में वास्तु के कुछ आसान से उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चे को चोट लगने से बचा सकती हैं।
तो चलिए जानते हैं कि ऐसा कौन सा उपाय है जो बच्चों को चोट लगने से बचायेगा।
छोटे बच्चों को अर्धचन्द्र का लॉकेट पहनाना अच्छा माना जाता है। इसके पहनने से बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और चोट एवं दुर्घटना में भी कमी आती है।
इसके अलावा बच्चे या बड़े भी दुर्घटनाओं से बचने के लिए मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर मिट्टी के दीये में चमेली के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। हनुमान मंदिर से जाएं तो बच्चों की कलाई पर मौली अवश्य बंधवाएं।
इसके अलावा हनुमानजी के मंदिर में गुड़-चने का प्रसाद बांटें। घर की छत पर लाल पताका लगाने से भी दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
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जानकारों के मुताबिक पक्षियों को लाल मसूर खिलाने से भी हादसों से बचाव होता है।
ऐसा माना जाता है कि दुर्घटना से बचाव के लिए घर से निकलते समय मुंह मीठा कर कभी न निकलें। जहां बच्चे सोते हो उस बेड के सिराहने जूते या चप्पल न रखे हों। और हां, सिराहने पानी रखकर न सोएं।
इसके अलावा बच्चे को मोती धारण कराने से भी हादसों से बचाव होता है। पिरामिड सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होता है। इसे कार या फिर किसी भी वाहन में रखने से सकारात्मक ऊर्जा और एकाग्रता का प्रभाव बढ़ता है। मारुती यंत्र को भी वाहन में स्थापित किया जा सकता है।
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इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।