Friday - 25 October 2024 - 9:57 PM

दिल्ली पुलिस की चेतावनी के बाद भी ट्रैक्टर परेड को सरकार ने दी इजाजत

जुबिली न्यूज डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को टै्रक्टर परेड निकाला। किसानों ने वादा किया था कि परेड शांतिपूर्वक निकलेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। दिल्ली की सड़कों पर दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं।

26 जनवरी को जो राजधानी दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर परेड की आड़ में जो हुआ उसकी आशंका पुलिस को पहले से थी। बावजूद इसके केंद्र सरकार के स्तर पर इसे अनुमति दी गई थी।

दिल्ली पुलिस ने कई बैठकों में इस तरह की चिंता व्यक्त की थी कि गणतंत्र दिवस को होने वाली इस परेड में हिंसा हो सकती है और परेड तय रास्ते से अलग भी जा सकती है। साथ ही यह भी कहा गया था कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी पैदा हो सकती है लेकिन इसके बावजूद गृहमंत्रालय की ओर से ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी गई।

ये भी पढ़े:   घायल किसान, हलकान जवान

ये भी पढ़े:  ट्रैक्टर परेड : दिल्ली हिंसा को लेकर अब तक 15 एफआईआर दर्ज 

इंडियन एक्सप्रेस अखबार की खबर के अनुसार दिल्ली पुलिस समेत कई खुफिया एजेंसियों ने अलग-अलग मौकों पर सरकार को स्पष्ट जानकारी दी थी कि अगर दिल्ली में ट्रैक्टर घुसने दिए गए तो कानून- व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है।

लेकिन तमाम आशंकाओं और चिंताएं जाहिर करने के बाद भी राजनीतिक स्तर पर ये फैसला किया गया, क्योंकि गृह मंत्रालय ने आकलन किया था कि अगर किसानों को दिल्ली आने से रोका गया, तो वे ज़्यादा आक्रामक हो सकते हैं।

खुफिया एजेंसिया सरकार को लगातार चेतावनी देती रहीं कि अगर ऐसा किया जाता है, तो इसके क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं। ट्रैक्टर रैली के रूट को लेकर किसानों की सरकार के साथ सहमति बनने के बाद भी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने कहा था कि बैरिकेडिंग तोड़कर शहर के अंदर घुसने के प्रयास किए जा सकते हैं।

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा है कि इस बात की आशंका थी कि प्रदर्शनकारियों का एक समूह शहर में घुसने का प्रयास कर सकता है।

ये भी पढ़े: …नहीं आए बोरिस, लेकिन संदेश गजब आया

ये भी पढ़े:  भीषण ठंड की चपेट में UP, फिलहाल नहीं मिलेगी गलन से राहत

इन अधिकारियों के अनुसार, “इसी वजह से टिकरी, सिंघु, नांगलोई, गाजीपुर समेत कई जगहों पर भारी बैरिकेडिंग की गई थी। लोहे के बैरिकेड के साथ साथ सीमेंट के बैरिकेड इस्तेमाल किए गए थे। कहीं-कहीं पर ट्रेलर खड़े किए गए थे। गाज़ीपुर में सड़क रोकने के लिए एक सीमेंट से भरा कंटेनर रोड के बीचों-बीच रखा गया था लेकिन कुछ भी किसानों को रोक न सका।”

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में यह भी बताया है कि जब किसान दिल्ली में घुस आए थे, तो दिल्ली पुलिस के पास ये इनपुट भी थे कि प्रदर्शनकारी राजपथ और लाल किले जा सकते हैं।

कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने ये भी बताया है कि खुफिया एजेंसियों ने सोमवार को ही स्पष्ट रूप से बताया था कि कुछ असमाजिक तत्व पहले से तय रास्तों को छोड़कर नए रास्तों पर जाकर शांति व्यवस्था भंग कर सकते हैं।

साढ़े बाहर बजे दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की ओर से सभी डीसीपी और वरिष्ठ अधिकारियों को एक संदेश भेजा गया था जिसमें लिखा था – “इनपुट मिले हैं कि किसानों के ट्रैक्टरों के साथ राजपथ, इंडिया गेट, लाल क़िला, रामलीला मैदान, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, गृह मंत्री आवास, मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल आवास पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। “

वहीं इंडियन एक्सप्रेस की ही एक अन्य खबर में बताया गया है कि दीप संधू नाम के एक अभिनेता समेत कुछ अन्य लोगों ने किस तरह सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर रैली से कुछ घंटे पहले मंच पर कब्जा जमा लिया था। इन लोगों ने ही सिंघु बॉर्डर पर ‘अवर रूट, रिंग रोड’ का नारा दिया था।

ये भी पढ़े:  राष्ट्रपति भवन में लगे नेताजी के पोट्रेट की क्या है सच्चाई? 

ये भी पढ़े: जहां पीएम फहराते है तिरंगा, वहां किसानों ने लहराया अपना झंडा

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com