जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले चार माह से भारत और चीन की सीमा पर तनाव बना हुआ है। दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत के बावजूद भी यह तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो महीने में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने कई बार वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन किया है, इसके बावजूद भी वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड के कई स्थानों पर सीमा समझौते का उल्लंघन किया है। एक अधिकारी ने नाम नहीं छपने की शर्त पर यह जानकारी दी है।
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रिपोर्ट के मुताबिक चीन का यह उल्लंघन केवल पूर्वी लद्दाख तक ही सीमित नहीं था। अधिकारियों और रिपोर्ट्स से पता चलता है चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र के अंदर 40 किमी तक घुस आए थे, जिन्हें बाद में भारतीय सैनिकों ने खदेड़ दिया।
अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सैनिकों के द्वारा LAC को पार करने के चीनी दावों पर भी विश्वास है। वे बड़ी चीनी रणनीति की ओर भी इशारा करते हैं।
अधिकारियों का कहना है कि लगभग 3,500 किमी लंबी सीमा पर गतिविधियों में इजाफा हुआ है। भारतीय जवान किसी भी परिस्थिति ससे निपटने के लिए तैयार हैं।
भारत और चीन के बीच चार महीने से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। इस दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों की जान गई है। 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवान में एक कमांडिंग ऑफिसर सहित कम से कम 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे।
खूफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने जुलाई में दो बार अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश किया। चीनी सैनिकों ने जिला अंजाव में भारतीय क्षेत्र के अंदर कम से कम 26 किमी की दूरी तय की और बाहर निकलने से पहले तीन से चार दिनों के लिए डेरा जमाए रखा। इसके अलावा पीएलए ने अरुणाचल के हैडिग्रा दर्रा से होकर 40 किमी की दूरी तय की।
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अगस्त की शुरुआत में पूर्वी सिक्किम के जेलेप ला क्षेत्र में दोनों देश के सौनिकों का आमना-सामना हुआ। यहां पीएलए ने ऊंचे इलाके पर कब्जा कर लिया और भारतीय सैनिकों पर पत्थर बरसाए थे। वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद तनाव कम हुआ, लेकिन दोनों पक्ष जेलेप ला क्षेत्र पर अपने दावे पर अड़े रहे। इसके बाद फिर अगस्त के मध्य में पीएलए की उपस्थिति उत्तराखंड के तंजुन ला दर्रा में दर्ज की गई।
राजनीतिक स्तर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते मास्को में अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगहे के साथ वार्ता की। पिछले शुक्रवार को हुई बैठक में वेई ने भारत को दोषी ठहराया और कहा कि चीन अपने क्षेत्र का एक इंच भी खोने को तैयार नहीं है। राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि भारत को अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के संकल्प के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। आपको बता दें कि इस सप्ताह के अंत में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है।
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