न्यूज डेस्क
हरियाणा में सत्ता बनाने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि बीजेपी निर्दलीय विधायकों की बदौलत दोबारा अपनी सरकार बना लेगी।
हरियाणा में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद वह सत्ता से दूर दिख रही है। वहीं बीजेपी के लिए संभावना व्यक्त की जा रही है कि वह सरकार बना लेगी। दरअसल चुनाव जीतने वाले सात में से पांच निर्दलीय भाजपा के बागी हैं। इसके अलावा पार्टी को हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा और इनेलो के अभय चौटाला से समर्थन की पूरी उम्मीद है।
गौरतलब है कि केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव परिणाम पर तीन घंटे की मैराथन बैठक के बाद खट्टर को दावा पेश करने का निर्देश दिया।
जेजेपी भाजपा से दूरी बनाने का दे चुकी थी संदेश
गुरुवार को मतों की गिनती के दौरान कांग्रेस और जेजेपी ने कई बार भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि यदि दुष्यंत चौटाला जेजेपी के हाथ में सत्ता की चाबी होती, तो बीजेपी के दोबारा सरकार बनाने के सपने को ग्रहण लग सकता था। जेजेपी ने परोक्ष रूप से कांग्रेस से हाथ मिलाने और भाजपा से दूरी बनाने का साफ संदेश दे चुकी थी। मगर कांग्रेस-जेजेपी का आंकड़ा 41 पर अटक जाने के बाद नेतृत्व ने चैन की सांस ली।
सात निर्दलीयों को मिली है जीत
हरियाणा के चुनाव में इस बार सात निर्दलीयों, इनेलो और हलोपा के एक-एक उम्मीदवारों को जीत मिली है। निर्दलीयों में से पांच नैनपाल रावत, रणधीर गोलम, धर्मपाल कुंदर, बलराज कुंडू और ओमवीर सांगवान भाजपा के बागी हैं। इसके अलावा पार्टी को इनेलो के इकलौते विधायक अभय चौटाला के साथ हलोपा के इकलौते विधायक गोपाल कांडा से समर्थन की उम्मीद है। इसके अलावा बादशाहपुर से जीते राकेश दौलतावाद का किसी दल से करीबी नहीं रही है, ऐसे में इनके समर्थन की भी उम्मीद है।
बीजेपी की बागियों पर पहले से थी नजर
बीजेपी ने चुनाव के दौरान कांग्रेस की मजबूत स्थिति के संकेत के साथ ही अपने बागी उम्मीदवारों से संपर्क साधना शुरू कर दिया था। इस क्रम में चुनाव जीतने वाले पांचों बागियों से पार्टी नेताओं ने लगातार संपर्क साधे रखा। इसी दौरान दूसरे निर्दलीय विधायकों से भी बातचीत शुरू की गई।
हालांकि चुनाव नतीजे से पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह खासे नाराज बताए जाते हैं। खास कर चुनाव के दौरान गुटबाजी से नुकसान के कारण नेतृत्व ने रिपोर्ट तलब की है।