जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना वायरस का तांडव चरम पर है। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है जिसकी वजह से लोग दम तोड़ रहे हैं।
भारत में जो हालात हैं उस पर विदेशी मीडिया भी नजर बनाए हुए है। बीते दिनों आस्ट्रेलिया के अखबार ने कोरोना पर भारत की स्थिति को वैश्विक पटल पर रखा था, लेकिन यह बात सरकार को रास नहीं आई है।
भारतीय उच्चायोग ने एक खत के जरिए संपादक को ही नसीहत दी है। पत्र में कहा गया है कि ऐसे ‘निराधार’ लेख लिखने से आगे बचें। बकौल, हाईकमीशन भारत सरकार कोरोना पर बहुत अच्छे से कदम उठा रही है। इसका असर भी दिख रहा है।
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मालूम हो कि आस्ट्रेलिया के अखबार ने लिखा था कि भारत कैसे कोरोना के भंवर में आ फंसा। लेख के अनुसार, दंभ, खोखले राष्ट्रवाद और नौकरशाही की असफलता की वजह से यह स्थिति भारत को देखनी पड़ रही है।
Urge @australian to publish the rejoinder to set the record straight on the covid management in India and also refrain from publishing such baseless articles in future. @cgisydney @CGIPerth @cgimelbourne @MEAIndia https://t.co/4Z3Mk6ru3W pic.twitter.com/4bgWYnKDlB
— India in Australia (@HCICanberra) April 26, 2021
वहीं हाई कमीशन के नोट में कहा गया है कि लेख में बेवजह पीएम के चुनावी कैंपेन के साथ कुंभ को निशाना बनाया गया। इस पर भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर पीएस कार्थिगेयान के दस्तखत हैं।
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Arrogance, hyper-nationalism and bureaucratic incompetence have combined to create a crisis of epic proportions in India, with its crowd-loving PM basking while citizens suffocate. This is the story of how it all went so terribly wrong #coronavirus https://t.co/bL8VXkz5RD
— The Australian (@australian) April 25, 2021
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द टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है कि भारत सरकार विशेषकर पीएम मोदी कोरोना से निपटने में बुरी तरह से नाकाम रहे। इसमें उन तौर तरीकों की आलोचना की गई है जो सरकार ने हाल के समय में वायरस को काउंटर करने के लिए अमल में लाए हैं।
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अखबार की रिपोर्ट “Modi leads India out of lockdown and into a Covid apocalypse”. में कहा गया है कि कोरोना पर जो भी हालात बने हैं उसके लिए भारत का मौजूदा नेतृत्व जिम्मेदार है।
लेख छपने के बाद केनबरा में भारतीय उच्चायोग ने उसी तरह अखबार पर दबाव बनाने की कोशिश की जैसा कि आपातकाल के दौरान इंदिरा सरकार ने किया था।
उस दौरान ग्लोबल मीडिया में आने वाली खबरों को तत्कालीन सरकार कुछ ऐसे ही अंदाज में काउंटर करती थी। भारतीय अधिकारियों ने लेख को निराधार, गलत करार देते हुए कहा कि इसके जरिए भारत के उस प्रयास को कमतर आंकने की कोशिश की गई है जो कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने किया था। हाई कमीशन ने उन कदमों का भी ब्योरा पत्र में दिया जो कोरोना को लेकर भारत सरकार ने हाल के वर्षों में उठाए हैं।