न्यूज डेस्क
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इंसानी सभ्यताओं के विकास की कहानियां और रस्मों रिवाज भले ही कितने अलग क्यों न हो लेकिन कुछ बातें एक जैसी होती हैं। जैसे शवों के सम्मान की परंपरा। हर जगह दुश्मन तक के शव के सम्मान देने का चलन है, लेकिन कोरोना काल में सब कुछ बदल गया है। अब तो लोग अपनों के शवों से मुंह मोड़ रहे हैं।
अमेरिकन लैटिन देश इक्वाडोर में ऐसा ही कुछ हो रहा है। यहां कोरोना की वजह से जान गवाने वाले लोगों का शव सड़कों पर छोड़ कर जा रहे हैं। यहां सड़कों पर पड़ी लाशों को प्रशासन को उठाना पड़ रहा है। प्रशासन रोज मौत के बढ़ते आंकड़ों से परेशान है। अब तक वहां वायरस की वजह से साढ़े सात हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं तो साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोग जान गवां चुके हैं।
इक्वाडोर में कोरोना से उपजे हालात द्रवित करने वाले हैं। इक्वाडोर के तटीय शहर ग्वायाक्विल की सड़कों पर पड़े शवों के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए। इक्वाडोर में कोरोना से मरने वालों के आंकड़े से प्रशासन परेशान है। सड़कों पर पड़ी लाशों को इकट्ठा करने में प्रशासन को हफ्ते भर का वक्त लग गया। शुरुवात में वो एक दिन में तीस लाशों उठाते थे, लेकिन बाद में डेढ़ सौ शव रोजाना उठा रहे हैं। और अब लोगों को अपने परिवार वालों के शव हासिल करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
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अस्पताल के बाहर लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। इन्हें कई घंटों के इंतजार के बाद शव मिल भी रहा है तो उनके लिए पहचान कर पाना खासा मुश्किल भरा हो रहा है, क्योंकि शवों का चेहरा बिगड़ गया है। उसमें कीड़े लग गए हैं।
लड़ाई यहीं खत्म नहीं होती। इन लोगों को अगर अपने परिजनों के शव मिल भी जाते हैं तो समस्या उन्हें आखिरी विदाई देने की भी है। बहुत से लोग शवों को ऐसे कार्डवोर्ड के डिब्बों में दफना रहे हैं। यहां मौत के आंकड़ों पर भी सवाल उठ रहा है। यहां कब्रिस्तान के बाहर लंबी लाइने देखी जा रही है। लोगों को दफनाने के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। दफनाने का वक्त मिलता है लेकिन कुछ होता नहीं है।
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कोरोना वायरस से निपटने के लिए पुलिस और सैन्यकर्मियों की मदद कर रही एक टीम का नेतृत्व करने वाले जार्ज वाटिड ने कहा, ”लोगों के घरों से एकत्र किए गए शवों की संख्या 700 से अधिक है।” उन्होंने रविवार (12 अप्रैल) को ट्विटर पर कहा था कि संयुक्त कार्यबल ने पिछले तीन सप्ताह में एक अभियान में घरों से 771 शव और अस्पतालों से अन्य 631 शव उठाए थे।
सरकार ने कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए अपनी धीमी कोशिशों के लिए लोगों से माफी मांगी है। अब पूरे देश में आपातकाल लागू है और रात में कफ्र्यू जैसे हालात हैं। सरकार का कहना है कि ग्वायाक्विल में पहले हर रोज 35 लोगों की मौत होती थी। अब डेढ़ सौ लोगों की जाने जा रही हैं। पहले इन शवों का बंदोबस्त इनके रिश्तेदार और मुर्दाघर किया करते थे। अब सरकार को करना पड़ रहा है। हमने कार्रवाई की है लेकिन आपको एक बड़े अभियान की जरूरत है।
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इक्वाडोर में 29 फरवरी को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था और इसके बाद से 7,500 मामले सामने आ चुके है। सरकार के अनुसार ग्वायाक्विल में देश में संक्रमित लोगों में से 70 प्रतिशत से अधिक मामले सामने आये है। ग्वायाक्विल में चार हजार मामलों की पुष्टि हुई है।
कोरोना वायरस की महामारी की चपेट में धीरे-धीरे दुनिया के सभी देश आ चुके हैं। गिनती के ही कुछ देश बचे हैं जहां कोरोना का ंसक्रमण नही हैं। चूंकि लैटिन अमेरिका स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी कम खर्च करता है। अब डर इस बात का है कि कई और लैटिन अमरीकी देशों को भी इस महामारी से जूझने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
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