जुबिली न्यूज डेस्क
मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को आज चार माह पूरे हो गए। इस मौके पर किसान संगठनों ने 12 घंटों के भारत बंद का आह्वान किया है।
भारत बंद की अपील संयुक्त किसान मोर्चे ने की है जो पंजाब के करीब चालीस किसान संगठनों और अन्य राज्यों के कई और किसान संगठनों के किसानों की एक संयुक्त समिति है।
केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 को विरोध करना शुरू किया था।
विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रखे और इससे संबंधित कानूनी प्रावधान लागू किये जायें।
संयुक्त किसान मोर्चा के दर्शन पाल सिंह ने कहा कि किसान बीते चार महीने से दिल्ली में धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार किसानों की मांग पूरी करने की बजाय उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिशें कर रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर भारत बंद 26 मार्च 2021
Samyukt Kisan Morcha calls Bharat band on 26 March
Subscribe for Official Updates…
Facebook: https://t.co/gJlbSXqXkK
Instagram: https://t.co/yFjZ5eUUls
Twitter: https://t.co/ubBTwlTtRu#worldiswatching #kisanektamorcha pic.twitter.com/L0g9Yaiz2Z— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) March 24, 2021
उन्होंने अपील की है कि “इस बंद को कामयाब करने के लिए किसान साथी और दूसरे समर्थक शांतिपूर्ण तरीके से लोगों से अपील करें और लोगों से दुकानें बंद करने की गुजारिश करें।”
दर्शन पाल सिंह ने कहा कि किसान सरकार पर दवाब बनाने के लिए भारत बंद का आह्वान कर रहे हैं, इसका उद्देश्य लोगों को परेशान करना नहीं है।
उन्होंने कहा, “एंबुलेंस और इमरजेंसी सेवाओं के लिए किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न ना करें। पंजाब के अनंतपुर में जो लोग होला-मोहल्ला मनाने जा रहे हैं, उन्हें ना रोका जाये।”
वहीं ऑल इंडिया किसान सभा के नेता कृष्ण प्रसाद ने कहा है कि 112 दिनों से हमारा आंदोलन चल रहा है और ये अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, आने वाले समय में ये आंदोलन और तेज ही होगा।
उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरान राज्यों, जिलों, तहसीलों और गांव के स्तर पर विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा।
ये भी पढ़े : …तो इस वजह से तहसीलदार ने जला दिए 20 लाख रुपए
ये भी पढ़े : बिहार के 44 विभाग नहीं खर्च कर पाए करोड़ों की राशि, CAG रिपोर्ट में हुआ खुलासा
ये भी पढ़े : झांसी में ननों के उत्पीड़न पर क्या बोले राहुल गांधी?
ऐसा माना जा रहा है कि इस कारण 12 घंटों तक यानी सवेरे 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक रेल और सड़क मार्ग पर यातायात प्रभावित हो सकता है।
भारतीय ट्रेड यूनियनों की फेडरेशन सीटू के मुताबिक, 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन इस भारत बंद का समर्थन कर रही हैं।
एक बयान जारी कर सीटू ने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ-साथ चार लेबर कोड भी वापिस लिये जाने की मांग की है।
किसानों के बुलाए भारत बंद का समर्थन करने का निर्णय कांग्रेस ने भी लिया है।
बहरे शासकों को जगाने के लिए निर्णायक संघर्ष की ज़रूरत पड़ती है।
मौजूदा किसान आंदोलन इसी कड़ी का हिस्सा है। तीन सौ किसान भाईयों की शहादत के बावजूद मूकदर्शक बनी मोदी सरकार के लिए ये जागने का समय है।
26 मार्च को प्रस्तावित शांतिपूर्ण एवं गांधीवादी भारत बंद को हमारा समर्थन है। https://t.co/qs27UfTO5O
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 25, 2021
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “26 मार्च को प्रस्तावित शांतिपूर्ण एवं गांधीवादी भारत बंद का कांग्रेस पार्टी समर्थन करती है।”
कांग्रेस अब तक किसानों की मांगों का समर्थन करती आई है और केंद्र सरकार से कृषि कानून वापिस लेने की मांग करती आई है।
वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने किसानों का साथ देने और भारत बंद का समर्थन करने का फैसला किया है।
रेड्डी ने कहा है कि वो विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के निजीकरण करने के केंद्र सरकार के फैसले का भी विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को राज्य की सरकारी बस सेवा सवेरे से लेकर दोपहर के एक बजे तक बाधित रहेगी।
ओडिशा कांग्रेस ने भी शुक्रवार को होने वाले भारत बंद का समर्थन किया है।
ये भी पढ़े : बिहार विधानसभा में हुए हंगामे पर राहुल गांधी ने क्या कहा?
ये भी पढ़े :गृहमंत्री ने बताई बंगाल में सरकार बनाने की रणनीति
यह भी पढ़ें : ‘फाइनल’ Opinion Poll : क्या ममता राज फिर होगा कायम